कोलकाता। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत में कई क्षेत्रों में वैश्विक खिलाड़ी बनने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए उसे अपनी विनिर्माण गतिविधियों का स्तर बढ़ाने की जरूरत है। एक्जिम बैंक द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए गोयल ने शनिवार को कहा कि वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने की क्षमता रखने वाले क्षेत्रों की पहचान करने की जरूरत है।
गोयल ने कहा, निर्यात के उत्पादों या घरेलू क्षेत्र के सामान का अलग करने की जरूरत नहीं है। हमें गुणवत्ता, बेहतर प्रौद्योगिकी और स्तर की जरूरत है। हालांकि, इसके लिए किसी समय समर्थन की भी जरूरत हो सकती है। मंत्री ने कहा कि यदि उत्पाद अच्छे और प्रतिस्पर्धी कीमत वाले होंगे तो निश्चित रूप से निर्यात होगा।
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उन्होंने कहा कि उद्योग को यह नहीं समझना चाहिए कि इसका एकमात्र समाधान सब्सिडी है।मुक्त व्यापार करारों (एफटीए) पर गोयल ने कहा कि हमें बड़े बाजारों वाले विकसित देशों के साथ ऐसे करार करने चाहिए, चीन या पेरू जैसे देशों के साथ नहीं। वेबिनार को संबोधित करते हुए एक्जिम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रस्क्विन्हा ने कहा कि देश के विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी से निर्यात नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी और उत्पादन के स्तर से भारत 1,000 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्यातक और उद्योग साथ मिलकर काम करेंगे, तभी हम 1,000 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।