सुभासपा के मंच पर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ महापंचायत के नाम से हुई रैली कोई राजनीतिक रैली नहीं बल्कि गुंडे-माफियाओं के शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम था। इस मंच के माध्यम से राष्ट्रवीर राजा सुहेलदेव के वंशजों को अपमानित करने का कार्य किया गया। राष्ट्र समाज के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले राष्ट्रवीरों को शराबी व नशेड़ी कहा गया। इसका जवाब राजभर समाज शीघ्र ही देगा। यह बातें गुरुवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जनपद में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सुभासपा की महापंचायत गुंडे-माफियाओं के सहयोग से व सपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम रहा, जिसमें राजभर समाज के नाम पर नकली लोग जुटे हुए थे। जिनका असली से सुहेलदेव सम्राट के वर्ष से कोई संबंध नहीं था।
समाजवादी पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए अनिल राजभर ने कहा कि सैयद सलार मसूद की पूजा करने वाले मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव कभी चक्रवर्ती सम्राट सुहेलदेव को सम्मान देना तक गवारा नहीं समझे हैं। ऐसे में यह केवल राजभर समाज को शराबी ही कह सकते हैं। इनके द्वारा कभी समाज के हित में सोचा नहीं जा सकता। उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों के माध्यम से एक सवाल खड़ा किया कि ओमप्रकाश राजभर जिस सामाजिक न्याय समिति की लड़ाई का दावा करते हैं, क्या समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय समिति का समर्थन करेगी?
केवल परिवारवाद की राजनीति करने वाले समाजवादी पार्टी के मुखिया ने 2017 विधानसभा से लगाए 2019 लोकसभा चुनाव तक एक भी राजभर को टिकट नहीं दिया। जबकि आज चुनाव आता देख नकली समाजवादी का चोला पहनकर राजभर हित की बात कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी गुंडे-माफियाओं की पोषक रही है। यह सदैव से गुंडे- माफियाओं के हित की बात करती है।
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में जनपद में ही राजभर समाज का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित कर ओमप्रकाश राजभर उर्फ असलम राजभर के कुकृतियों का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ओमप्रकाश उर्फ असलम राजभर के मंच पर राजभर समाज अपमानित करने का कार्य किया गया है। उसका बदला राजभर समाज बदला अवश्य लेगा।
गौरतलब है कि बीती बुधवार को ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर द्वारा मऊ जनपद के ही हलधरपुर में पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर महापंचायत नाम से एक रैली आयोजित की गई। जिसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। दोनों सुभासपा व सपा अध्यक्षों की उपस्थिति में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के गठबंधन की भी घोषणा की गई थी।