उत्तर प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकाल में वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों समेत कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए अदालत में अर्जी दी गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह अर्जी राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की अपर जिला जज (एडीजे) अदालत में दी है। दायर याचिका के माध्यम से राज्य सरकार ने भाजपा के तीन विधायकों समेत अन्य कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की तैयारी में है। मुजफ्फरनगर दंगे में कई भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गये थे।
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गौरतलब है कि कवाल गांव की घटना के बाद सितम्बर 2013 में मुजफ्फरनगर नगला मंदोर में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ बगैर अनुमति के महापंचायत करने और धारा 144 के उल्लंघन समेत कई धाराओं में सिखेड़ा थाने के तत्कालीन प्रभारी चरण सिंह यादव ने सात सितंबर, 2013 को दर्ज कराया था।
इसके अलावा सिखेड़ा थाने में दर्ज मुकदमे में सरधना (मेरठ) से विधायक संगीत सोम, शामली से विधायक सुरेश राणा और मुजफ्फरनगर सदर से विधायक कपिल देव अग्रवाल के अलावा हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची का भी नाम इस मामले में शामिल है। आरोप था कि धारा 144 लागू होने के बाद भी भाजपा नेताओं ने महापंचायत बुलाई और भडकाऊ भाषण देने के कारण मुजफ्फरनगर दंगे भड़के थे।