नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ समय से जनसंख्या नियंत्रण (Population Control Bill) के लिए कानून बनाए जाने की चर्चा तेज थी। संसद में इसके लिए विधेयक भी पेश किया गया था। इसके तहत दो बच्चों को लेकर नियम बनाकर इसे कानूनी दायरे में लाने की बात की जा रही थी। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने राज्यसभा में इस विधेयक (Population Control Bill) को नकार दिया है। इसके बाद इस विधेयक को पेश करने वाले बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने इसे वापस ले लिया है।
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने जुलाई 2019 को राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control Bill) से संबंधित विधेयक को पेश किया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की ओर से इसे शुक्रवार को नकार देने के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया है। राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा लोगों पर दबाव डालने के बजाय सरकार उन्हें जनसंख्या नियंत्रण के लिए सफलतापूर्वक जागरूक कर रही है। साथ ही इसके लिए स्वास्थ्य अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
मंडाविया ने शुक्रवार को राज्यसभा में परिवार नियोजन कार्यक्रमों के प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-वी और जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा, जब हम एनएफएचएस और जनसंख्या के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि हमने सफलता पाई है।
1971 में औसत वार्षिक वृद्धि 2.20 थी। 1991 में यह 2.14 हो गई। फिर 2011 में ये और कम होकर 1.64 हो गई। इससे यह पता चलता है कि जनसंख्या वृद्धि कम हुई है और ये लगातार जारी है। 60 और 80 के दशक के दौरान बढ़ी हुई जनसंख्या वृद्धि दर कम हो रही है। यह अच्छा संकेत है।
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उन्होंने कहा, इस यह पता चलता है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकारी नीतियां बिना दबाव और अनिवार्यता के भी बेहतर कर रही हैं। जागरुकता काम कर रही है। मैं राकेश सिन्हा से आग्रह करता हूं कि हम आपके लक्ष्यों को पाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में आप विधेयक को वापस ले लें। इस पर राकेश सिन्हा ने कहा कि हमारी सरकार संवैधानिक स्तर पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोशिश कर रही है। हम आपातकाल को दोहराना नहीं चाहते हैं।