• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आज मनाई जाएगी गंगा सप्तमी, इस चालीसा का करें पाठ

Writer D by Writer D
03/05/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Ganga Saptami

Ganga Saptami

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

शास्त्रों के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन पवित्र गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। इसलिए हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके बाद मां गंगा की पूजा और जप-तप की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने के साथ इस खास चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन के तमाम कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।

गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी का पर्व यानी वैशाख महा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 3 मई को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 4 मई को सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर होगी।

गंगा चालीसा

दोहा

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग।

जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥

चौपाई

जय जय जननी हरण अघ खानी।

आनंद करनि गंग महारानी॥

जय भगीरथी सुरसरि माता।

कलिमल मूल दलनि विख्याता॥

जय जय जहानु सुता अघ हनानी।

भीष्म की माता जगा जननी॥

धवल कमल दल मम तनु साजे।

लखि शत शरद चंद्र छवि लाजे॥

वाहन मकर विमल शुचि सोहै।

अमिय कलश कर लखि मन मोहै॥

जड़ित रत्न कंचन आभूषण।

हिय मणि हर, हरणितम दूषण॥

जग पावनि त्रय ताप नसावनि।

तरल तरंग तंग मन भावनि॥

जो गणपति अति पूज्य प्रधाना।

तिहूं ते प्रथम गंगा स्नाना॥

ब्रह्म कमंडल वासिनी देवी।

श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवि॥

साठि सहस्त्र सागर सुत तारयो।

गंगा सागर तीरथ धरयो॥

अगम तरंग उठ्यो मन भावन।

लखि तीरथ हरिद्वार सुहावन॥

तीरथ राज प्रयाग अक्षैवट।

धरयौ मातु पुनि काशी करवट॥

धनि धनि सुरसरि स्वर्ग की सीढी।

तारणि अमित पितु पद पिढी॥

भागीरथ तप कियो अपारा।

दियो ब्रह्म तव सुरसरि धारा॥

जब जग जननी चल्यो हहराई।

शम्भु जाटा महं रह्यो समाई॥

वर्ष पर्यंत गंग महारानी।

रहीं शम्भू के जटा भुलानी॥

पुनि भागीरथी शंभुहिं ध्यायो।

तब इक बूंद जटा से पायो॥

ताते मातु भइ त्रय धारा।

मृत्यु लोक, नाभ, अरु पातारा॥

गईं पाताल प्रभावति नामा।

मन्दाकिनी गई गगन ललामा॥

मृत्यु लोक जाह्नवी सुहावनि।

कलिमल हरणि अगम जग पावनि॥

धनि मइया तब महिमा भारी।

धर्मं धुरी कलि कलुष कुठारी॥

मातु प्रभवति धनि मंदाकिनी।

धनि सुरसरित सकल भयनासिनी॥

पान करत निर्मल गंगा जल।

पावत मन इच्छित अनंत फल॥

पूर्व जन्म पुण्य जब जागत।

तबहीं ध्यान गंगा महं लागत॥

जई पगु सुरसरी हेतु उठावही।

तई जगि अश्वमेघ फल पावहि॥

महा पतित जिन काहू न तारे।

तिन तारे इक नाम तिहारे॥

शत योजनहू से जो ध्यावहिं।

निशचाई विष्णु लोक पद पावहिं॥

नाम भजत अगणित अघ नाशै।

विमल ज्ञान बल बुद्धि प्रकाशै॥

जिमी धन मूल धर्मं अरु दाना।

धर्मं मूल गंगाजल पाना॥

तब गुण गुणन करत दुख भाजत।

गृह गृह सम्पति सुमति विराजत॥

गंगाहि नेम सहित नित ध्यावत।

दुर्जनहुँ सज्जन पद पावत॥

बुद्दिहिन विद्या बल पावै।

रोगी रोग मुक्त ह्वै जावै॥

गंगा गंगा जो नर कहहीं।

भूखे नंगे कबहु न रहहि॥

निकसत ही मुख गंगा माई।

श्रवण दाबी यम चलहिं पराई॥

महाँ अधिन अधमन कहँ तारें।

भए नर्क के बंद किवारें॥

जो नर जपै गंग शत नामा।

सकल सिद्धि पूरण ह्वै कामा॥

सब सुख भोग परम पद पावहिं।

आवागमन रहित ह्वै जावहीं॥

धनि मइया सुरसरि सुख दैनी।

धनि धनि तीरथ राज त्रिवेणी॥

कंकरा ग्राम ऋषि दुर्वासा।

सुन्दरदास गंगा कर दासा॥

जो यह पढ़े गंगा चालीसा।

मिली भक्ति अविरल वागीसा॥

॥ दोहा ॥

नित नव सुख सम्पति लहैं।

धरें गंगा का ध्यान।

अंत समय सुरपुर बसै।

सादर बैठी विमान॥

संवत भुज नभ दिशि ।

राम जन्म दिन चैत्र।

पूरण चालीसा कियो।

हरी भक्तन हित नैत्र॥

Tags: ganga saptami
Previous Post

कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानें सही तिथि और पूजा विधि

Next Post

सीता नवमी के दिन करें इस खास स्रोत का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना

Writer D

Writer D

Related Posts

Gangotri Temple
धर्म

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

22/10/2025
onion-tomato chutney
खाना-खजाना

इस डिश से खाने को बनाएं चटपटा, हर कोई पूछेगा रेसिपी

22/10/2025
Bhai Dooj
Main Slider

भाई यम ने दिया था बहन यमुना को ऐसा उपहार, जानिए भाईदूज की कथा

22/10/2025
फैशन/शैली

शाम की चाय के लिए बेस्ट है ये स्नैक, जाने आसान रेसिपी

22/10/2025
Kheel Chaat
खाना-खजाना

बची हुई खील से बनाएं ये चटपटी डिश, खाते ही हो जाएंगे दीवाने

22/10/2025
Next Post
Sita Navami

सीता नवमी के दिन करें इस खास स्रोत का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना

यह भी पढ़ें

PM Modi

लोकसभा में पीएम मोदी, बोले- ‘पुराना भवन प्रेरणा देता रहेगा, यहां से विदा लेना भावुक पल’

18/09/2023
Quick tips to increase beard and mustache

लाख कोशिश के बाद भी दाढ़ी और मूंछ में नहीं हो रही मनचाही ग्रोथ, तो ट्राई करें उपाय

10/06/2021
सनी देओल

सनी देओल के बर्थडे पर धर्मेंद्र हुए इमोशनल, कई ट्वीट्स कर जताई खुशी

20/10/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version