आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमण के कारण मारे गए 1621 शिक्षकों की संख्या को महज तीन बताने वाले उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री काे सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी प्रकरण के बाद इस्तीफा दे देना चाहिये।
श्री सिंह ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि शिक्षा मंत्री को पंचायत चुनाव ड्यूटी में मरने वाले शिक्षकों की संख्या नहीं मालूम लेकिन वह जानते हैं कि फर्जीवाड़ा करके अपने सगे भाई को गरीबी रेखा का सर्टिफिकेट दिला कर कैसे नौकरी दी जाती है, इसकी पूरी जानकारी है। उन्होंने नियम कानून ताख पर रखकर कुलपति का इस्तेमाल किया।
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पहले कुलपति का कार्यकाल बढ़ाया गया। कुलपति ने कार्यकाल बढ़ने के बाद पहला काम मंत्री के भाई को नौकरी देने का किया। शिक्षा मंत्री का भाई जो पहले से नौकरी में है उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जा रहा है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में नौकरी के लिए शिक्षामित्र आवाज उठाते हैं तो उन्हें लाठी डंडों से पीटा जाता है। शिक्षक, ग्राम पंचायत अधिकारी, कई विभागों में नौकरियों के आवेदक युवाओं को नौकरी मांगने पर लाठियां मिल रही है। आरक्षण का हक मारकर मंत्री के भाई को दी गई नियुक्ति प्रदेश के युवाओं का यह घोर अपमान है। बेसिक शिक्षा मंत्री को सामने आकर जवाब देना चाहिए। उन्हें जनता से माफी मांगते हुए इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह स्वयं इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें बर्खास्त किया जाए।