अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना (IAF) के भीष्म क्यूब मोबाइल अस्पताल द्वारा तुरंत इलाज करने के कारण धर्माचार्य प्रमुख की जान बच गई। कार्यक्रम के दौरान रामकृष्ण श्रीवास्तव (65) नाम के एक भक्त को दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ा और वह मंदिर परिसर में ही गिर पड़े। जिसके बाद तुरंत एक्शन में आए विंग कमांडर मनीष गुप्ता और भीष्म क्यूब टीम ने घटना के एक मिनट के भीतर ही श्रीवास्तव को प्राथमिक इलाज दिया और उनकी जान बच गई।
माना जाता है कि दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने के तुरंत बाद के कुछ घंटे सुनहरे घंटे माने जाते हैं। इस दौरान यदि मरीज को आपातकालीन उपचार मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है। इस मामले में भी यही हुआ। रामकृष्ण श्रीवास्तव के हार्ट अटैक पड़ने के बाद उन्हें तुरंत इलाज दिया गया और उनकी जान बच गई।
क्यूब-भीष्म मोबाइल अस्पताल
अयोध्या में आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन परियोजना के तहत दो क्यूब-भीष्म मोबाइल अस्पतालों की तैनाती की गई थी। इसी मोबाइल वैन में मरीज को तुरंत इलाज मिल गया जिससे उसकी जान बच गई। ये मोबाइल अस्पताल आपात स्थिति के दौरान आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए नए उपकरणों से लैस हैं।
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक रामकृष्ण श्रीवास्तव का ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण उनको हार्ट अटैक आया था। एक बार जब श्रीवास्तव की हालत स्थिर हो गई, तो उन्हें आगे की निगरानी और विशेष देखभाल के लिए तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि मोबाइल वैन में हाईटेक उपकरणों के कारण मरीज का फौरान इलाज हो सका। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता क्षमताओं को बढ़ाने में मोबाइल अस्पतालों के महत्व पर जोर दिया है।