नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने मामले में सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 30 मई को इस मामले में गिरफ्तार किया था।
हाईकोर्ट ने की ये टिप्पणी
हाईकोर्ट ने कहा, ‘सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। वर्तमान अदालत इस स्तर पर साक्ष्य की वैधता के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकती है। जांच जारी है। इस अदालत को यह देखना है कि क्या उचित आधार हैं। पीएमएलए के तहत बयानों में विरोधाभासों की इस स्तर पर जांच नहीं की जा सकती है। वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं, सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।’
कोर्ट ने कहा कि मैसर्स अकिंचन डेवलपर्स आदि के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से पता चलता है कि एक समय था जब जैन का परिवार इन कंपनियों को नियंत्रित कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि इस बात की व्यापक संभावना है कि कंपनियां सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित की जाती हैं।
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कोर्ट ने कहा कि जैन (Satyendar Jain) ने पीएमएलए एक्ट के तहत जमानत की दो शर्तों को पूरा नहीं किया है इसलिए वह जमानत के हकदार नहीं हैं।