गाजियाबाद। हरियाणा के गुरूग्राम और गाजियाबाद की पीसीपीएनडीटी (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक विनियमय तथा दुरुपयोग) टीम ने मंगलवार को इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में अवैध रूप से संचालित पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से भ्रूण का लिंग परीक्षण करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
टीम ने मौके से एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। वहीं, आरोपी का एक साथी अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर फरार हो गया।
सीएमओ एनके गुप्ता ने बताया कि पीसीपीएनडीटी टीमों ने मौके से दिल्ली के नगलू राया निवासी कुलदीप पुत्र राजसिंह को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। उसका साथी कपिल पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर आया था।
वह बाइक से मशीन लेकर भाग गया। गाजियाबाद पीसीपीएनडीटी टीम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ सुनील त्यागी ने मौके से ही मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी व उप जिला अधिकारी लोनी को सूचित किया और थाना टीला मोड़ में एफआईआर दर्ज करा दी है।
एसीएमओ डॉ त्यागी ने बताया कि प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण कानूनी अपराध है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक एक्ट-1996 के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े, या करने वाले चिकित्सक, लैब कर्मी को तीन से पांच साल की सजा और 10 से 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।