लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नजदीकी बढ़ाने की अटकलों के बीच बड़े राजनीतिक उलटफेर के संकेत देते हुए शुक्रवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवपाल के पुत्र और प्रसपा के महासचिव आदित्य यादव की ओर से जारी पत्र में प्रसपा की कार्यकारिणी भंग करने की घोषणा की गयी है। गौरतलब है कि शिवपाल ने गुरुवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर के दृष्टांत का हवाला देते हुए देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की पैरवी करके सियासी हलकों में हलचल तेज कर दी थी।
उन्होंने यहां स्थित प्रसपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि डा अंबेडकर ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने का अब उचित समय आ गया है।
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ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी (सपा) सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता की पक्षधर नहीं है। शिवपाल ने हाल ही में विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था लेकिन चुनाव में सपा गठबंधन की हार के बाद विधायक दल की बैठक उन्हें नहीं बुलाये जाने के कारण वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज हो गये थे।
इसके बाद से ही शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। इस बीच पार्टी कार्यकारिण भंग करने की घोषणा से एक बार फिर सपा खेमे में टूट की आशंकायें उपजने लगी हैं। अक्षय यादव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रसपा अध्यक्ष के निर्देश पार्टी की राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी के अलावा सभी प्रकोष्ठ एवं प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।