लखनऊ। एसआर कॉलेज (SR College ) के हॉस्टल में 8वीं की छात्रा प्रिया (Priya) के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार की गई थी। यह उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर एक्सपर्ट बताते हैं। छात्रा की गला दबाने के साथ ही उसके साथ मारपीट की गई और जमीन पर काफी दूर तक घसीटा गया। एक्सपर्ट के साथ ही फॉरेंसिक टीम ने भी मौका मुआयना करने के बाद इसको हादसा नहीं हत्या की आशंका जताई है।
जालौन निवासी जसराम राठौर की बेटी प्रिया (Priya) का बीकेटी स्थित एसआर कॉलेज में 20 जनवरी की रात शव मिला था। स्कूल प्रशासन के लगातार बयान बदलने और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हत्या की तरफ इशारे करने पर मंगलवार को पुलिस ने फारेंसिक टीम के साथ कॉलेज में पड़ताल की।
जहां पीएम रिपोर्ट को आधार मानते हुए एक्सपर्ट कहते हैं कि प्रिया की गले (सर्वाइकल) की सी-7, सी-4 और सी-5 हड्डियां टूटी हैं। वहीं, गले की चोट गिरने से नहीं दबाने से ही आ सकती आई है। प्रिया के शरीर के पिछले हिस्से में रगड़ के निशान थे। इससे साफ है कि उसका गला दबाया गया और विरोध में मारपीट के दौरान जमीन पर घसीटा गया। जिसकी वजह से उसके पैर की हड्डी व पसलियां टूटीं।
वहीं, एडीसीपी उत्तरी अभिजीत ने कॉलेज में फारेंसिक टीम के साथ जांच की। सूत्रों के मुताबिक फारेंसिक टीम और एक्सपर्ट की राय के बाद पुलिस ने भी अपनी जांच हत्या की तरफ मोड़ दी है। चर्चा है पुलिस ने घटना से जुड़े एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
क्लास 3 से पढ़ाई कर रही थी प्रिया (Priya)
जयराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर स्कूल में कक्षा तीन से (2017) से पढ़ रही थी। पिता जयराम के मुताबिका, 8 फरवरी 2021 को प्रिया की प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका मां जयंती का हमीरपुर तबादला होने के चलते 2021 में हॉस्टल में रख दिया। आजकल वह परिवार के साथ जालौन में रह रहे है। सर्दियों की छुट्टी में बेटी घर आई थी। गुरुवार को ही छुट्टी से घर लौटी थी। उसके घर से जाने के करीब 30 घंटे बाद उसकी मौत की खबर आ गई। जिससे पूरा परिवार टूट गया है।
पिता से आखिरी बार हुई थी बात
पिता जयराम राठौर के मुताबिक, शुक्रवार शाम 7 बजकर 47 मिनट पर वार्डन से कहकर अपनी बेटी से बात की थी। फोन पर उसने कुछ कमजोरी महसूस होने की बात कही। इस पर खाना खाकर आराम करने की बात कही। हम लोग खाना खाने की तैयारी कर रही रहे थे कि तभी 9:04 पर वार्डन का फोन आया कि प्रिया (Priya) गंभीर हालत में कालेज परिसर में स्कूटी के पास पड़ी मिली है। हम लोग लखनऊ के रवाना ही हुए कि जानकारी हुई कि उसकी मौत हो गई है।
सुबह 4 बजे के करीब कालेज परिसर पहुंच कर घटना के विषय में जानकारी की।तब उसके साथ रहने वाले बच्चों ने हादसे के विषय में कुछ भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। वह एक बड़े कमरे तीन बच्चों के साथ रहती थी। हॉस्टल में बाहरी लोगों का आना-जाना मना था। इसलिए वह खुद कभी हॉस्टल के अंदर नहीं गए थे।