प्रयागराज। पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ (Ashraf) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद गोली मारने वाले बदमाशों ने मौके पर ही हाथ खड़े करके आत्मसमर्पण कर दिया। तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गोलीबारी में अतीक और अशरफ के साथ मौजूद धूमनगंज के सिपाही मान सिंह भी घायल हो गए। हत्या करने वाले युवकों के नाम लवलेश तिवारी, अरुण और सनी बताए गए हैं।
अतीक (Atiq) पर दर्ज हो चुके हैं 101 मुकदमे
अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया।
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1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।