रायपुर। रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में स्थित बिजली कंपनी के मुख्य गोदाम में शुक्रवार दोपहर लगी आग लगने से चार हजार ट्रांसफॉर्मर, मीटर, कंडक्टर, वायर और ऑयल जलकर खाक हो गया। यहां करीब आठ एकड़ परिसर के स्टोर में रखे 4 हजार ट्रांसफार्मरों में 4 घंटे तक एक-एक कर धमाके होते रहे। वहीं स्टोर के पास 33 केवी के सबस्टेशन के कुछ हिस्सा भी आग की चपेट में आ गए। लेकिन सबस्टेशन को खाक होने से बचा लिया गया। इस भीषण आग में बिजली विभाग को 80 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान अधिकारियों ने लगाया है। भीषण आग पर काबू पाने के बाद शनिवार सुबह भी पूरी तरह से आग बुझाने का कार्य जारी है।
बड़े बड़े ट्रांसफार्मर को पानी से भिगाया जा रहा है। मौके पर एसडीआरएफ, जिला प्रशासन कलेक्टर, एसडीएम, पुलिस एएसपी लखन पटले सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद हैं। शुक्रवार रात को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Sai) मौके पर पहुंचे और घटना से जुड़ी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है। बड़ा नुकसान हुआ है। मामले की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय (CM Sai) ने कहा, आग पर काबू पाने में जिला प्रशासन अमला और लोगों का बड़ा सहयोग मिला है। बड़ी संख्या में आसपास के लोगों को खाली कराए थे। अब उनका विस्थापन किया जा रहा है। यह घटना जांच का विषय है। जांच के बाद रिपोर्ट अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। रायपुर के सीएसपीडीसीएल ट्रांसफार्मर गोदाम में आग लगने के बाद चल रहे बचाव कार्यों का मैंने मुआयना किया है। मैंने संबंधित अफसरों से लोगों को हुई आर्थिक क्षति का आकलन कर पीड़ितों को हर संभव मदद के लिए कहा है। इस हादसे की जांच कराई जाएगी। बचाव कार्य के लिए सभी संबंधित अधिकारी मौके पर तैनात हैं। इस दौरान विधायक राजेश मूणत भी मौजूद रहे।
ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट के बाद बिजली विभाग दफ्तर में लगी भीषण आग, मची अफरातफरी
मुख्यमंत्री (CM Sai) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगवान की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई। विभाग के अधिकारियों ने भी मुस्तैदी दिखाई। तेल के टैंकरों को खोल दिया गया, जिससे ज्यादा ब्लास्ट नहीं हुआ। जिन लोगों को आर्थिक रूप से क्षति हुई है उसका आकलन किया जा रहा है। आग लगने के कारणों की भी जांच कराई जाएगी।
उल्लेखनीय ही कि शुक्रवार की दोपहर लगी भीषण आग पर पूरी तरह से रात साढ़े बजे तक काबू पाया गया। देर रात तक घटना स्थल पर बिजली विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।