सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक खगोलीय घटना है। इसका वैज्ञानिक महत्व होने के साथ-साथ ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व भी बहुत है। ग्रहण का जीव जगत प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशियों पर भी शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। सूर्य ग्रहण को धर्म और ज्योतिष में भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रहण को अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान हर शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। यह ग्रहण रात में 9 बजकर 12 मिनट पर लगेगा और रात में 1 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)
साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने वाला है। दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 9 बजकर 13 मिनट से मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
सूतक काल
सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लग जाता है। सूतक लगने पर घर के सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए। ग्रहण में वातावरण की किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं, इसीलिए ग्रहण और सूतक काल में कुछ भी खाने-पीने की मनाही रहती है।