नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के पक्ष में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि किसानों को लाल किले के अंदर किसने जाने दिया और अब किसानों के साथ मारपीट की जा रही है। यह सरकार ठीक नहीं कर रही है।
Live- सत्याग्रही किसानों के समर्थन में मेरी प्रेस वार्ता। https://t.co/i1dGV8el1n
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2021
गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केंद्र की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार ने इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसानों का यह आंदोलन शहर से गांवों तक जाएगा।
उन्होंने कहा, हम सब ये जानते हैं कि किसानों के आंदोलन को लेकर क्या हो रहा है। पहला कानून मंडी व्यवस्था खत्म करता है। दूसरा कानून खाद्यान्न के असीमित भंडारण की अनुमति देता है और तीसरा कानून कहता है कि अगर किसानों को कोई समस्या है तो वह अदालत तक नहीं जा सकते। यह साफ है कि किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों की समस्या का समाधान करने के स्थान पर उन्हें धमका रही है, पीट रही है, एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) का प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले समेत दिल्ली के कई हिस्सों में किसानों के प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने सवाल किया कि आखिर किसानों को लाल किले में किसने जाने दिया।
राहुल गांधी ने सवाल किया कि 26 जनवरी को किसानों को लाल किले के अंदर किसने जाने दिया और क्यों जाने दिया? क्या गृह मंत्रालय का यह काम नहीं है कि उन्हें लाल किले पर जाने नहीं देना चाहिए था, रोकना चाहिए था। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर केंद्र सरकार किसानों पर आक्रमण कर रही है, जो गलत है।
उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों को गरीब बनाएंगे और अमीरों को और अमीर बनाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि आपने कोविड के दौरान देखा कि क्या हुआ। गरीब और गरीब हुए, पांच-छह अमीर लोग और अमीर होते गए। प्रधानमंत्री इन पांच लोगों के लिए काम करते हैं, उनके लिए नोटबंदी की, जीएसटी लाए और अब किसानों की आजीविका छीन रहे हैं।
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राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान में लोगों के कानूनों के पीछे की बात समझ में आ गई है। प्रधानमंत्री को ये नहीं समझना चाहिए कि ये आंदोलन यहां रुक जाएगा। ये आंदोलन शहरों किसानों से शहरों के अंदर जाएगा। केवल किसान गुस्सा नहीं है। हिंदुस्तान में लाखों युवा हैं, जिनसे इन्हीं पांच-दस लोगों और पीएम ने रोजगार छीना है।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे देश का नुकसान होगा। देश में जो अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है उससे नुकसान होगा। इसलिए सरकार को आगे आना चाहिए, किसानों से बात करनी चाहिए और इस मामले का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतरी के लिए देश में बनी हुई अस्थिरता की स्थिति को समाप्त करना होगा।