रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे आ चुके हैं। तीन दिनों तक चली इस बैठक में रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। रेपो रेट में बदलाव नहीं होने का मतलब ये हुआ कि आपको ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर स्थिर है।
- आरबीआई गवर्नर ने लोन मोरेटोरियम को लेकर कोई बात नहीं की है। आपको बता दें कि 31 अगस्त को लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई गवर्नर इस मुद्दे को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं। बैंकों की ओर से लगातार इसे आगे नहीं बढ़ाने की गुजारिश की जा रही है। अब रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक अक्टूबर में होने वाली है।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि गोल्ड ज्वेलरी पर कर्ज की वैल्यू बढ़ा दी गई है अब 90 फीसदी तक कर्ज मिल सकेगा। वर्तमान में सोने की कुल वैल्यू का 75 फीसदी तक ही लोन मिलता है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी अब भी कमजोर है। विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक दूसरी छमाही में महंगाई दर कम हो सकती है।
- आरबीआई गवर्नर के मुताबिक कोरोना की मार के बाद देश की इकोनॉमी अब ट्रैक पर लौट रही है। गवर्नर ने कहा कि अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी है।
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कोरोना काल में रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समीक्षा की यह तीसरी बैठक थी। कोरोना संकट की वजह से दो बार समय से पहले बैठक हो चुकी है। पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई में दूसरी बैठक हुई। इन दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की रेपो रेट में कुल मिला कर 1.15 फीसदी की कटौती हुई। बीते साल यानी फरवरी, 2019 के बाद रेपो रेट में 2.50 फीसदी की कटौती हो चुकी है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने नये कर्ज पर ब्याज दर में प्रतिशत 0.72 अंक की कटौती की है। यह बताता है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती के जरिये तेजी से दिया गया। एसबीआई ने रेपो से संबद्ध खुदरा कर्ज पर ब्याज में 1.15 अंक की कटौती की है।