हथेली पर कई तरह की रेखाएं और निशान बने हुए होते हैं। हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन सभी का अलग-अलग महत्व होता है। इन्हीं रेखाओं में एक रेखा विदेश यात्रा की भी है। हथेली पर यात्रा रेखा कई जगहों पर बनती है। यात्रा रेखाओं के जरिए से हम यह जान सकते हैं कि व्यक्ति अपने जीवन में कभी विदेश यात्रा कर पाएगा या नहीं।
- हथेली पर अगर कोई लकीर जीवन रेखा से निकलकर भाग्य रेखा को पार करते हुए दूसरी ओर चंद्र पर्वत की तरफ जाए तो यह विदेश यात्रा का योग बनता है। ये लकीर जितनी गहरी और साफ सुथरी होगी विदेश में ज्यादा रहने का अनुभव मिलेगा।
- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति कई बार विदेश यात्रा करता है जिसकी हथेली में बुध पर्वत के पास से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत पर जा मिलती हो।
- चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा हथेली पर मौजूद शनि पर्वत पर मिलती है तो ऐसा व्यक्ति का भाग्य विदेश में जा कर चमकता है। वहीं अगर चंद्र पर्वत से निकलने वाली रेखा शनि पर्वत पर पहुंचकर कई शाखाओं में बंट जाती है तो व्यक्ति के जीवन में कभी भी पैसे की कमी महसूस नहीं होती।
- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार कुछ निशान बहुत ही शुभ होते हैं। जिनमें त्रिभुज जैसा निशान बहुत खास होता है। ऐसे में अगर चंद्र पर्वत पर त्रिभुज का निशान बने तो समझिए आप कई बार विदेश यात्रा करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
- हथेली पर बने निशान के अलावा तिलों से भी विदेशा यात्रा के बारे में संकेत मिलते हैं। अगर किसी व्यक्ति की दाहिनी भौंह के पास कोई तिल का निशान बने तो व्यक्ति का व्यापार एक देश के अलावा दूसरे देशों में भी होता है। ऐसे में उसे कई बार अलग-अलग देशों में यात्रा करने का मौका मिलता है। अगर किसी व्यक्ति के नाक, पैर के तलवे या अंगूठे पर तिल बना हुआ होता है तो वह व्यक्ति विदेश यात्रा जरूर करता है।