लखनऊ। राजधानी के सीतापुर रोड से कई बाइकों पर बदमाश एक कार के पीछे करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग (Firing) की। इस वारदात के दौरान कही भी पुलिस नजर नहीं आई। इस मामले को संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने संज्ञान में लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर गुडम्बा निलंबित (suspended) कर दिए गए है। इसके अलावा अन्य पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित और उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार रात प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के गुडंबा इंस्पेक्टर को निलंबित करने के साथ चौकी इंचार्ज व बीट सिपाही के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के आदेश देते ही पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर गुडंबा सतीश साहू, दरोगा मारूफ और सतीश को निलंबित कर दिया। वहीं देर रात सीएम के आदेश के बाद गुडंबा थाना पर देर रात तक पुलिस अधिकारी घटना के आरोपियों की धरपकड़ के लिए रणनीति बनाते रहे।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री को संज्ञान में आया था कि बालिका के उत्पीड़न को लेकर फायरिंग की घटना हुई है। हालांकि लखनऊ पुलिस के पास इसकी कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। उधर, फायरिंग के आरोप में पुलिस ने दो युवक पंकज और आदित्य को हिरासत में लिया है। आरोपितों से पूछताछ के आधार पर फरार हमलावरों की तलाश में दबिश दे रही है,जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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ये है पूरी घटना
रविवार शाम चार बजे के करीब बाइक सवार युवकों ने दो किमी तक कार सवार युवकों का पीछा करते हुए सरेराह फायरिंग की थी। फायरिंग के दौरान एक गोली कार में लगी, जबकि एक गोली कार सवार के नजदीक से निकल गई। कार सवार जैसे-तैसे बचते हुए कार को टेढ़ी पुलिया तक ले आए। वहां भीड़ को देखकर युवकों ने कार रोक दी थी। टेढ़ी पुलिया पर भीड़ को देखकर हमलावर युवक वहां से भाग गए थे। इसके बाद कार सवार युवकों ने पुलिस को सूचना दी।
कार में सवार अभिषेक सिंह ने बताया था कि वह अपने 5 दोस्तों के साथ निलांश वाटर पार्क गए थे। दोपहर बाद करीब 4 बजे लौटते वक्त उनके ऊपर हमला हुआ। उनका आरोप था कि वो सड़क पर हर तरफ पुलिस को देख रहे थे, लेकिन कहीं पुलिस नहीं दिखी। जिसके पास जाकर जान बचाते। टेढ़ी पुलिया के पास भीड़ देखकर कार रोक दी। भीड़ देखकर हमलावर भाग निकले।