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करोड़ो की ठगी करने वाले गिरोह को डाटा बेचने वाली इनामी महिला समेत दो गिरफ्तार

MBBS student arrested

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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विभिन्न बैकों के क्रेडिट कार्ड धारको का डेटा गलत तरीके से प्राप्त कर करोडों की ठगी करने वाले गिरोह को उसे बेचने वाली इनामी महिला समेत दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को एसटीएफ को संगठित गिरोह द्वारा फर्जी तरीके से कम्पनी बनाकर विभिन्न बैकों के क्रेडिट कार्ड धारको का डेटा प्राप्त कर धोखाधड़ी करके ग्राहको का पैसा निकाल कर करोड़ो की ठगी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड कर गिरोह के सरगना सौरभ भारद्वाज सहित चार आरेपियों को गिरफ्तार किया गया था।

गिरोह को बड़े पैमाने पर क्रेडिट कार्ड कस्टमर का डेटा बेचने वाली 25 हजार की इनामी महिला आरोपी दिल्ली उत्तम नगर इलाके के मोहन गार्डन की रहने वाली मोनिका उर्फ शिल्पी पत्नी दीपक मलिक के अलावा निवासी नांगलोई दिल्ली के निहाल विहार निवासी सुलेमान को मोतीनगर मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि उनके पास से दोे मोबाईल फोन के अलावा शिल्पी के मोबाइल में लगभग छह हजार ग्राहकों का डेटा के अलावा सुलेमान से लगभग एक हजार कस्टमर का क्रेडिट कार्ड का प्रिन्टेड डाटा बरामद किया।

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उन्होंने बताया कि विगत कुछ समय से एसटीएफ को अन्य राज्यों में गिरोह द्वारा विभिन्न बैंकों के फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड धारको का डेटा प्राप्त कर क्रेडिट कार्ड धारको के साथ धोखाधडी करके धन अर्जित करने वाले गिरोह के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इसी क्रम में गिरोह को पकड़ने के लिए मेरठ एवं गौतमबुद्धनगर की एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

गौरतलब है कि इसी संदर्भ में पूर्व से आगरा के खेरागढ़ थाने पर आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया था। इस मामले में आगरा पुलिस के सहयोग से 26 जनवरी को ठग गिरोह के सरगना सहित चार आरोपयों सौरभ भारद्वाज (गैंग सरगना) निवासी भागलपुर, बिहार हाल पता सूर्य नगर फरीदाबाद हरियाणा के अलावा आस मौहम्मद निवासी सिकन्दराऊ ,लखन गुप्ता और शिवम गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में फरार मोनिका उर्फ शिल्पी वांछित थी और उस पर 25000 का इनाम घोषित था। इस डेटा बेचने वाले गैंग के पास विभिन्न बैंकों के 07 लाख से अधिक कस्टमर्स का डाटा है और पिछले कुछ महीनों में इस डाटा बेचने वाले गिरोह द्वारा धोखाधडी कर विभिन्न बैंकों के एक लाख से अधिक क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा बेचा गया है।

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पूछताछ पर सुलेमान ने बताया कि वह उसी के काॅल सेन्टर मेे काम करने वाले प्रदीप के साथ मिलकर डेटा निकाल लेता था,जिसके बदले प्रदीप को तीन रूपये प्रति कस्टमर के हिसाब से देता था और ये डेटा मोनिका उर्फ शिल्पी को 06 से 10 रूपये के बीच में को बेचता था। सुलेमान एक ऐजेन्सी में काम करता है जो कई बैंकों को सर्विस प्रोवाइड कराती है तथा सुलेमान वर्तमान में उस कम्पनी में सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर मोतीनगर की स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ब्रान्च में काम करता है। इसी प्रकार शिल्पी भी एसबीआई बैंक के लिए जूलाई 2020 तक एक थर्ड पार्टी वेण्डर के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर काम कर चुकी थी, नदीम भी उसी बैंक में काम करता था और नदीम ने ही शिल्पी की जाॅब लगवाई थी जो एसबीआई के साथ साथ और भी कई बैंकों को डेटा सौरभ भारद्वाज, आस मौहम्मद, नदीम आदि को उपलब्ध कराती थी।

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शिल्पी,नदीम, सुलेमान द्वारा सौरभ भारद्वाज आदि को दिये गये डेटा से हुई धोखाधडी के सम्बन्ध में लखनऊ, आन्ध्र प्रदेश आदि जगहों पर अभियोग पंजीकृत होने की जानकारी प्राप्त हुई है इसके इतिरिक्त आरबीएल बैंक द्वारा दिये गये शिकायत प्रार्थना पत्र के अनुसार उनके बैंक के उपभोक्ताओं के साथ भी इन्हीं अभियुक्तों द्वारा लगभग 12 लाख रूपये की धोखाधडी की जा चुकी है। गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना खैरागढ़ पर पंजीकृत उपरोक्त अभियोग में दाखिल कर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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