कानपुर। पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से लगातार पुलिस विभाग को बदनाम करने वाले पुलिस कर्मचारियों का चाल एवं चरित्र उजागर होने लगा है। इतना ही नहीं, ऐसे दागी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी तेजी से की जा रही है। ऐसा ही एक प्रकरण कानपुर में जांच के दौरान निकल कर आया है। दो सिपाही एक गिरोह बनाकर धनउगाही का खेल खेल रहे थे। जांच के बाद पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने दोनों सिपाहियों को बर्खास्त (Sacked) कर दिया है।
परचून दुकानदार रघुवीर चन्द्र कपूर अपहरण काण्ड का खुलासा करते हुए डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि गोविंद नगर पुलिस ने अपहरण एवं वसूली गैंग का खुलासा करते हुए बताया कि गैंग का संचालन सिपाही मुकेश और उसके सहयोगी गुर्गा साकेत नगर निवासी शालू को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया है। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि दुकानदार पर भांग बेचने का झूठा आरोप लगाकर 50 हजार की मांग कर रहे थे। इसकी शिकायत पीड़ित कारोबारी के परिवार ने गोविंद नगर थाने में की थी।
डीसीपी साउथ ने बताया कि गोविंद नगर थाने में दोनों सिपाहियों एवं उनके गुर्गों के खिलाफ अपहरण समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फरार सिपाही अमित और उसका साथी मोनू बॉक्सर की तलाश की जारी है। दोनों को अतिशीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ चर्चा है कि सिपाहियों ने पूरे शहर में गुर्गे फैला रखे थे। गुर्गे शहर में गलत कामों में शामिल लोगों की जानकारी सिपाहियों को देते थे। इसके बाद सिपाही देर रात एसटीएफ के नाम पर छापेमारी करते थे। फिर अपने ठिकाने ले जाकर बेरहमी से पिटाई और पैसे वसूली करते थे। पुलिस ने एक सिपाही और उसके गुर्गे को दबोच लिया है,जबकि दूसरा सिपाही और उसका गुर्गा फरार है।
पुलिस आयुक्त ने भ्रष्ट सिपाहियों को किया बर्खास्त (Sacked)
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड मामला प्रकाश में आते ही गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार में डूबे दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया। इटावा निवासी मुकेश श्रीवास्तव की तैनाती फीलखाना थाने में थी,जबकि प्रयागराज निवासी अमित कुमार की तैनाती कोतवाली थाने में थी।
गैंग की शातिर महिला सिपाही फरार,2020 में भी हुआ था व्यापारी का अपहरण
खाकी के बदनाम करने वाला यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी गैंग के सरगना मुकेश ने ठीक इसी तरह जूही सफेद कॉलोनी के रहने वाले व्यापारी मोहम्मद इसराइल अंसारी को 5 दिसंबर 2020 को अपहरण कर लिया था। व्यापारी को महिला के सहारे फंसाया था। मुकेश व्यापारी को छोड़ने के लिए लाखों रुपए मांग रहा था। उस समय पुलिस ने सिपाही मुकेश को गिरफ्तार किया था। उसे न्यायालय ने जेल भेज दिया था। हालांकि, बाद में मुकेश जमानत पर छूट गया और बहाल होने के बाद फिर से नौकरी कर रहा था।अपहरण कांड में उसकी साथी बर्रा-2 नई बस्ती की रहने वाली महिला माही यादव फरार हो गई थी। न्यायालय ने माही के खिलाफ एनबीडब्ल्यू भी जारी कर दिया। दो वर्ष बाद 12 दिसंबर 2022 को माही को पुलिस गिरफ्तार कर सकी। माही गैंग की सबसे शातिर महिला सिपाही थी। वह शहर के बड़े कारोबारियों को अपने जाल में फंसाती थी। अब इसके सभी पुराने मुकदमों की भी पुलिस ने एक बार फिर से जांच शुरू कर दी है।