लखनऊ/आजमगढ़। एक तरफ जहां सीएम योगी (CM Yogi) दिल्ली-एनसीआर के फरीदाबाद में केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा आंतरिक सुरक्षा पर बुलाए गए चिंतन शिविर में हिस्सा ले रहे हैं तो दूसरी ओर यूपी की पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में अपराधियों और अवैध असलहा तस्करों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटी है। इसी क्रम में शुक्रवार को यूपी एटीएस (UP ATS) ने आजमगढ़ पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में अवैध असलहों (Illegal Weapons) के अंतर्राज्यीय तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़ किया और इनके पास से भारी मात्रा में निर्मित, अर्द्धनिर्मित अवैध असलहों के साथ-साथ कारतूस व खोखा कारतूस, अर्द्धनिर्मित पेन-गन व शस्त्र बनाने के सामान बरामद किए गए। गौरतलब है कि योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते उत्तर प्रदेश में पुलिस पूरे जोश के साथ अपराधों पर अंकुश लगाने में जुट गई है। अपराधियों पर यूपी पुलिस के लगातार अभियानों के परिणामस्वरूप प्रदेश में अपराध और अपराधियों में बड़े स्तर पर कमी दर्ज की गई है।
गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई
यूपी एटीएस के अनुसार, गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी कि जनपद आजमगढ़ के दो व्यक्ति अपने अन्य साथियों के साथ अवैध शस्त्रों (Illegal Weapons) के निर्माण व तस्करी में संलिप्त हैं। सूचना को भौतिक व इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से विकसित किया गया। ज्ञात हुआ कि आफताब आलम पुत्र फिरोज आलम निवासी फलाहनगर, थाना बिलारियागंज जनपद आजमगढ़ तथा मैनुद्दीन शेख पुत्र सम्मू अहमद निवासी ग्राम व पोस्ट पतिला गौसपुर, थाना बिलारियागंज, जनपद आजमगढ़, अवैध शस्त्रों के निर्माण व गन हाउस से कारतूस प्राप्त कर उनकी गैरकानूनी ढंग से बिक्री व तस्करी करने में शामिल हैं। इसके बाद यूपी एटीएस ने आजमगढ़ पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया।
पूर्वांचल के विभिन्न क्षेत्रों में होती थी तस्करी
पूछताछ से ज्ञात हुआ कि आफताब आलम पूर्व में दो बार जेल जा चुका है और पिछले कई वर्षों से अवैध शस्त्रों के निर्माण तथा तस्करी में संलिप्त है। यह अवैध शस्त्र व कारतूस आदि को मैनुद्दीन शेख से खरीदकर तस्करी करना था। मैनुद्दीन शेख काफी दिनों से आजमगढ़ में गन हाउस के गठजोड़ से अवैध असलहों व कारतूस की तस्करी करता था और जनपद आजमगढ़ के देवारा क्षेत्र के कुढ़ही ढाला के पास इब्राहिमपुर गांव में अपनी खेती की जमीन पर असलहा बनाने की फैक्ट्री लगाई हुई थी। बाढ़ के चलते फिलहाल यह फैक्ट्री वह अपने घर से संचालित कर रहा था। पूछताछ में यह भी पता चला कि फैक्ट्री में निर्मित असलहों को आफताब आलम तथा काजी गन हाउस आसिफगंज पांडेय बाजार रोड आजमगढ़ के संचालक सैयद काजी अरशद के माध्यम से पूर्वांचल के विभिन्न क्षेत्रों में तस्करी करता था। ये दोनों कारतूस को अवैध रूप से गन हाउस से प्राप्त कर डिमांड के अनुसार सप्लाई करते थे। अभियुक्तों के नेपाल, पाकिस्तान व दुबई कनेक्शन भी प्राप्त हुए हैं।
दर्ज किया गया मुकदमा
आफताब आलम एवं मैनुद्दीन शेख की निशानदेही पर भारी मात्रा में निर्मित, अर्द्धनिर्मित अवैध असलहों, कारतूस, खोखा कारतूस, अर्द्धनिर्मित पेन गन (अत्याधुनिक) व शस्त्र बनाने के सामान एवं मोबाइल बरामद होने के बाद थाना बिलारियागंज, जनपद आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कानून व्यवस्था में सुधार को चार बिंदुओं पर हुए कार्य: सीएम योगी
ये सामान हुआ बरामद
एक पिस्टल .9 एमएम, एक पिस्टल .22 एमएम, एक डीबीबीएल गन, एक एसबीबीएल गन, 8 एयरगन, दो तमंचा 12 बोर, एक तमंचा .32 बोर, दो अर्द्धनिर्मित पेन गन, एक पिस्टल अर्द्धनिर्मित मय मैग्जीन, चार अर्द्धनिर्मित कारबाइन बैरल, दो अर्द्धनिर्मित रिवाल्वर, दो अर्द्धनिर्मित तमंचा, तीन मैगजीन 9 एमएम, एक मैगजीन .22 एमएम, एक पिस्टल मैगजीन, 10 जिंदा कारतूस 9 एमएम, 51 जिंदा कारतूस 12 बोर, 323 फायरशुद कारतूस 12 बोर, एक फायरशुदा कारतूस .315 बोर, 6 ब्लैक जिंदा कारतूस .22 बोर, तीन फायरशुदा कारतूस .32 बोर, 51 लोहे की डिब्बी में एयरगन के छर्रे, 54 कागज की डिब्बी में एयर के छर्रे, दो टेलीस्कोप फॉर रायफल, तीन बंदूक के बट, 13 बंदूक की बड़ी नाल, सात बंदूक की छोटी नाल, साठ बंदूक में प्रयोग होने वाली स्प्रिंग, चार गन रियरविथ साइड एलाइनमेंट, एक हिटिंग गैस लाइटर, एक डीबीबीएल गन का मैकेनिज्म, एक रिवाल्वर रिवाल्विंग रिंग, एक पिस्टल स्लाइडर मय मुठिया, दो चाप, एक हेडलैंप, एक ड्रील मशीन, एक गन लाइसेंस (मैनुद्दीन के मृत पिता के नाम), दो बैंक चेक बुक, एक डेबिट कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड व अलग-अलग गन हाउस के विजिटिंग कार्ड।