यूपी सरकार को आखिरकार ये फैसला लेना ही पड़ा, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भी 12वीं की कक्षा की परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की है। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद के छात्र-छात्राओं को भी राहत मिली है। बृहस्पतिवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद की 12वीं की परीक्षा रद करने की घोषणा की।
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बता दें कि इससे पहले एक जून को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने देशभर के 14 लाख से अधिक छात्रों को राहत देते हुए 12वीं की परीक्षाएं रद करने की घोषणा की थी। इसके बाद माना जा रहा था कि सभी प्रदेश सरकारें सीबीएसई की तर्ज पर फैसले लेंगीं। अब तक कई प्रदेश सरकारें 12वीं की परीक्षा निरस्त करने का एलान कर चुकी हैं। सीबीएसई के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गोवा, उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश ने भी 12वीं की परीक्षाएं कर दी हैं।
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वहीं, कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए नीडा और आई युवा संस्था की ओर से नो स्कूल नो फीस अभियान की शुरुआत की गई है। एक जून से शुरू हुए मिस्ड काल अभियान में जारी नंबर 9718885665 पर पांच हजार अभिभावकों की काल आई हैं और ई-मेल पर 450 से अधिक अभिभावक स्कूल फीस में कटौती की मांग कर चुके हैं। ज्यादातर अभिभावकों के सामने परिचय देने की समस्या होती है, इसलिए संस्थाओं ने मिस्ड काल अभियान शुरू किया है।
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जिले के अभिभावक बड़ी संख्या में इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से फीस में रियायत की मांग कर रहे हैं। नीडा अध्यक्ष हर्ष राज द्विवेदी ने अभियान को तेजी लाने के लिए सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों से समर्थन की अपील की है। आईयुवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह ने संस्था के समस्त प्रदेश और जिला इकाई से इस अभियान को और तेज करने के दिशा निर्देश दिए हैं।