लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ (CM Yogi) ने सांसद और विधायकों के साथ प्रदेश के सभी 18 मंडलों में संचालित विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा के बाद शनिवार को शासन स्तर पर बैठक की। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करके समीक्षा की गयी और उसे अमल में लाने के निर्देश भी दिए गए। इस बैठक में मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारी शामिल थे।
इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने वर्तमान वित्तीय बजट में प्राविधानित राशि के उपयोग की विभागवार समीक्षा की और जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों को तेज करने के लिए निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि अगले माह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 के कार्यक्रमों के उपरांत आगामी वित्तीय वर्ष का बजट आंकलन प्रस्तुत किया जाना है। सभी विभाग अपनी भावी योजनाओं के अनुरूप बजट के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर भेजें। जितनी आवश्यकता हो, उतनी ही मांग करें। संबंधित मंत्री भी अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार से हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रियों से संवाद करें। केन्द्रांश के अभाव में परियोजना बाधित न रखें। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य जारी रखा जाए। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र केन्द्र को भेजें।
उन्होंने कहा कि आवंटन के अनुरूप खर्च में होमगार्ड, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, लोक निर्माण विभाग, दिव्यांग जन सशक्तिकरण, एमएसएमई, नगर विकास, वन, व्यावसायिक शिक्षा को प्रयास तेज करने होंगे। इन विभागों में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। इन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा कराएं।
गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए मातृभूमि योजना प्रारंभ की जा रही है। बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेंटर, आदि बनवाने की इच्छा जताई है। इस योजना से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि आगामी दो माह की अवधि में सभी विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार मेलों का आयोजन हो। रोजगार एवं सेवायोजन विभाग, उद्योग विभाग के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करे। इन मेलों के आयोजन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन लें। प्रभारी मंत्रीगण भी इन मेलों में उपस्थित रहेंगे।
बिजली बिल के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि लोगों को सही बिल मिले और समय पर मिले। ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करती है। बिजली बिल की वसूली के नाम पर कहीं भी उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों से संवाद के दौरान नए बस स्टेशनों की स्थापना की आवश्यकता प्राप्त हुई है। 23 नए सर्वसुविधायुक्त बस स्टेशन बनाने के हमारे प्रयास का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इसे तेजी से आगे बढ़ाया जाए। हमें नए रूट पर बसें चलानी हैं। इस संबंध में विभाग स्तर से योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जाए। हर जिले में पीपीपी मॉडल पर कम से कम एक आधुनिक मॉडल बस स्टेशन विकसित किया जाए।
निर्माण संबंधी विकास कार्यों में कार्यदायी संस्थाओं की बड़ी भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को सभी शासकीय कार्यदायी संस्थाओं में मैनपॉवर की उपलब्धता, दक्षता, क्षमता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खंडों पर सभी विभागों को ध्यान देना होगा। इन जिलों में युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक, कौशल विकास केंद्र की स्थापना की योजना तैयार की जाए। जिन नए इंटर कॉलेजों, महाविद्यालयों का भवन निर्माण पूरा हो गया है और उन्हें हैंडओवर कर दिया गया है, उन्हें यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए। महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम तय करते समय न्यू एज़ कोर्सेज को वरीयता दी जाए। यह सुनिश्चित कराएं की कहीं स्टाफ की कमी न हो।
उन्होंने कहा कि 50-60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके राजकीय इंटर कॉलेजों के भवनों का जीर्णोद्धार किया जाना आवश्यक है। अब जर्जर हो चुके इन परिसरों ने देश को अनेक रत्न दिए हैं। इनके पुराने जर्जर भवनों को ध्वस्त कराकर नवीन भवन निर्माण के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए। दिव्यांगजनों को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। इन्हें मोटराइज़्ड ट्राई साइकिल दिया जाए। हरिहरपुर (आजमगढ़) में संगीत महाविद्यालय की स्थापना का कार्य समय से प्रारंभ कर दिया जाए। इसके लिए पर्याप्त धनराशि प्राविधानित है। इस कार्य में देर न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, कप्तान, मुख्य विकास अधिकारी आदि फील्ड में तैनात सभी अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। माह में एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ विकास परियोजनाओं की समीक्षा करें। इसी प्रकार जिला मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक भी हो। सुशासन में समय से न्याय मिलना जरूरी होता है। अपराधों की अलग-अलग प्रकृति के अनुसार त्वरित न्याय के लिए अलग-अलग कानूनों से जुड़े अदालतों की व्यवस्था है। अदालतों के लिए एकीकृत कोर्ट भवन बनाये जाने की योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाए।
इस बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह समेत अन्य मंत्री और अफसर मौजूद रहे।