वृंदावन : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में सावन मास के दौरान ठाकुर जी के सिंहासन पर वीआईपी दर्शन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आरोप है कि कुछ विशेष लोगों ने सिंहासन के सामने कुर्सी डालकर दर्शन किए। इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मी हथियारों से लैस होकर मौजूद रहे और पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे ठाकुर जी (Banke Bihari Temple) की मर्यादा और मंदिर की गरिमा को ठेस पहुँची है। साथ ही यह उस अदालती आदेश का उल्लंघन है, जिसमें मंदिर परिसर में वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी पर रोक लगाई गई थी।
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा और वकील दीपक शर्मा ने इस मामले को लेकर अदालत में संयुक्त याचिका दाखिल की। उन्होंने कहा कि सावन मास में ठाकुर जी (Banke Bihari Temple) का सिंहासन मंदिर के जगमोहन क्षेत्र में विराजमान होता है, जहाँ किसी को बैठने की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद कुछ वीआईपी लोगों ने न केवल कुर्सी पर बैठकर दर्शन किए, बल्कि सुरक्षाकर्मी हथियार लेकर खड़े रहे और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की।
भक्त बन रहे हैं भगवान
पंडित संजय हरियाणा ने कहा, “ठाकुर जी से बड़ा कोई नहीं हो सकता, लेकिन कुछ वीआईपी लोगों ने खुद को भगवान से ऊपर साबित करने की कोशिश की। भक्त बन रहे हैं भगवान। यह मंदिर की मर्यादा और आस्था के खिलाफ है, इसलिए कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।”
अदालत ने जारी किया नोटिस
मामले की सुनवाई 29 अगस्त को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मथुरा की अदालत में हुई। अदालत ने मंदिर प्रबंधक, जिलाधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
वकील दीपक शर्मा ने कहा, “सिंहासन पर कुर्सी लगाना, हथियारों का प्रदर्शन करना और वीडियो रिकॉर्डिंग करना न सिर्फ आस्था का अपमान है बल्कि अदालत के आदेश की खुली अवमानना है। यह ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की श्रेणी में आता है। इस मामले में सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ दोहराई न जाएँ।”