गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) सिख धर्म का बड़ा ही विशेष और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इसे लोग गुरुपर्व और गुरु नानक प्रकाश पर्व के नाम से भी जानते हैं। गुरु नानक जयंती का पर्व गुरु नानक देव जी की याद में मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी (Guru Nanak) सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। सिख समुदाय के लोगों के लिए ये गुरुपर्व आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
इस दिन देश भर के गुरुद्वारों की साज-सज्जा देखते ही बनती हैं। गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) पर गुरुद्वारों में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ होता है। गुरु नानक जी के उपदेश याद किए जाते हैं।
कब है गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti)?
पंचांग के अनुसार, हर वर्ष अक्टूबर और नवंबर के बीच में आने वाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव की जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जाती है। इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत आज रात को 10 बजकर 36 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन कल यानी 5 नवंबर को 6 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल गुरु नानक देव की जयंती 5 नवंबर यानी कल मनाई जाएगी।
गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) का इतिहास और महत्व
गुरु नानक देव (Guru Nanak) की जंयती सिखों का सबसे पवित्र पर्व है। ये दिन गुरु नानक देव के जन्मदिन का उत्सव तो है ही, साथ में उनके सभी जीवन दर्शन जैसे- सच बोलना, समानता का व्यवहार करना और नि:स्वार्थ सेवा को जीवन में अपनाने का मौका भी है। गुरु नानक जंयती की तैयारियां दो दिन पहले शुरु हो जाती हैं। गुरुद्वारों में 48 घंटों का अंखड पाठ होता है। हर दिशा में गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र शब्द सुनाई देते हैं।
पर्व से पहले नगर से किर्तन निकलता है। झांकियां सजाई जाती हैं। गुरुपर्व की सुबह प्रभात फेरी नाम की एक पवित्र यात्रा निकलती है। उस दौरान सभी भक्तजन अरदास करते हुए कीर्तन गाते हैं। गुरु नानक जयंती पर दिन भर लंगर सेवा चलाई जाती है। गुरु नानक देव जी (Guru Nanak) ने समानता, सेवा और प्रेम का संदेश दिया था।
उन्होंने सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया और उन्हें दूर करने की कोशिश की थी। गुरु नानक देव की जंयती पर लोगों के बीच उनकी शिक्षाएं बताई जाती हैं। इसलिए गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है।









