उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबन के लिये कृत संकल्पित है।
श्री मौर्य ने शुक्रवार को श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से 334 निर्माण श्रमिकों को 58 लाख 29 हजार 784 रूपए की धनराशि देकर लाभान्वित किया। योजना के तहत श्रम मंत्री द्वारा लखनऊ जिले की निर्माण श्रमिकों की 102 बालिकाओं को संत रविदास सहायता योजना के तहत कक्षा 10वीं एवं 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने पर साइकिल दी।
महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि जिस देश में नारी की पूजा की जाती हो, वहां किसी प्रकार का संकट नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबन के लिए कृत संकल्प है। सरकार महिलाओं एवं बेटियों के स्वाभिमान, सम्मान एवं सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार डॉ भीमराव आंबेडकर एवं पं दीनदयाल के सपने को साकार करेगी और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के विकास के लिए निरंतर कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की गई, बल्कि दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी कामगारों को भी लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार ने मजदूरों से पंजीयन एवं नवीनीकरण के लिये लिए जाने वाले शुल्क को माफ कर दिया है।
श्रम मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि श्रमिक के बच्चे राष्ट्र एवं समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार प्रत्येक मंडल में अटल आवासीय विद्यालय बना रही है। जहां पर श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क भोजन, कपड़ा एवं शिक्षा व खेलकूद की व्यवस्था की जाएगी। श्रमिकों को आवास बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लाभार्थी श्रमिकों को इस समय योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है, इसमें किसी भी बिचैलिए की संलिप्तता एवं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोई भी श्रम विभाग का अधिकारी श्रमिकों के हितार्थ फाइल को 01 महीने से ज्यादा समय तक नहीं रोक सकता, किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ जेल भी भेजा जाएगा।