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अर्जी दिये जाने के दिन से ही निर्धारित होगा गुजारा भत्ता : सुप्रीम कोर्ट

Desk by Desk
04/11/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राष्ट्रीय
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सुप्रीम कोर्ट Supreme Court

Supreme Court

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक दूरगामी परिणाम वाला फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक विवाद के सभी मामलों में गुजारा भत्ता अर्जी दिये जाने के दिन से ही निर्धारित किया जायेगा।

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न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने वैवाहिक विवादों में पीड़िता के गुजारा भत्ता के भुगतान को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये। न्यायालय ने कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 सहित सभी मामलों में अर्जी दिये जाने की तारीख से ही गुजारा भत्ता मंजूर करना ही उचित होगा।

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खंडपीठ ने कहा कि अब वैवाहिक विवाद के न्यायालय में जाने के बाद ही दोनों पक्षों को अपनी आमदनी के स्रोत और आय की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके बाद ही गुजारा भत्ता की रकम निर्धारित की जाएगी। न्यायालय ने कहा कि जब तक आय और संपत्ति का खुलासा नहीं होता है, तब तक गुजारा भत्ता न दे पाने तक गिरफ्तारी या जेल भेजने की प्रक्रिया पर रोक रहेगी।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह भी ताकीद की है कि सभी उच्च न्यायालय इस पर अमल करेंगे। न्यायालय ने ये दिशा निर्देश ‘रजनेश बनाम नेहा’ मामले में दिये हैं।

खंडपीठ दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील का निपटारा कर रही थी। पिछले साल अक्टूबर में, अदालत ने इस संबंध में सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और अनीता शेनॉय को न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया था। उन्होंने एक रिपोर्ट भी सौंपी थी।

Tags: Alimony will be determined from the day of applicationapplicationSupreme Courtगुजारा भत्तान्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डीन्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रासुप्रीम कोर्ट
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