• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रंगभरी एकादशी 2021, आज ही माता गौरी आती हैं ससुराल, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Writer D by Writer D
25/03/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Rangbhari Ekadashi

Rangbhari Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी कहा जाता है। रंगभरी एकादशी बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए बहुत खास है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव माता गौरी को गौना कराकर काशी लाए थे। इसलिए ये दिन काशी में मां पावर्ती के स्वागत के रूप में मनाया जाता है।  इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है। इस दिन से काशी में होली का पर्व शुरू हो जाता है, जो लगातार 6 दिनों तक चलता है। रंगभरी एकादशी 25 मार्च को मनाई जाएगी ।

पूजा का शुभ मुहूर्त

रंगभरी एकादशी तिथि आरंभ- 24 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से

रंगभरी एकादशी तिथि समापन- 25 मार्च सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक।

व्रत पारण मुहूर्त- 26 मार्च सुबह 06 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 21 मिनट तक।

रंगभरी एकादशी पर कैसे करें पूजा?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे। इस दिन सुबह नहाकर पूजा का संकल्प लें। घर से एक पात्र में जल भरकर शिव मंदिर जाएं। अबीर, गुलाल, चन्दन और बेलपत्र भी साथ ले जाएं। पहले शिव लिंग पर चन्दन लगाएं फिर बेल पत्र और जल अर्पित करें। इसके बाद अबीर और गुलाल अर्पित करें। भोलेनाथ से अपनी सभी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें।

रंगभरी एकादशी और आंवले का संबंध

पुराणों के अनुसार रंगभरी एकादशी पर आंवले के पेड़ की भी उपासना की जाती है। इसलिए इस एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पूजन के साथ ही अन्नपूर्णा की सोने या चांदी की मूर्ति के दर्शन करने की भी परंपरा है। रंगभरी आमलकी एकादशी महादेव और श्रीहरि की कृपा देने वाला संयुक्त पर्व है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ से अच्छी सेहत और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

Tags: amlaki ekadashiRangbhari Ekadashi 2021Rangbhari Ekadashi ka shubh muhuratRangbhari Ekadashi ki pujashiv ki rasoishiv parvati
Previous Post

रात के समय नाइटी पर लगाए ये बॉडी परफ्यूम, पार्टनर हो जाएगा इंप्रेस

Next Post

Holi 2021: क्यों किया जाता है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Writer D

Writer D

Related Posts

KGAV girl students accuse the principal and warden
Main Slider

लखनऊ में KGAV में छात्राओं ने लगाएं गंभीर आरोप, DM ने की ये कार्रवाई

05/10/2025
Vaishno Devi
Main Slider

IMD के अलर्ट के बाद वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, इस दिन से शुरू होंगे दर्शन

05/10/2025
AAP
Main Slider

RS Election: AAP ने कैंडिडेट का नाम किया घोषित, इस उद्योगपति को भेजेगी संसद

05/10/2025
Aloe Vera
Main Slider

इस प्लांट से मिलेगी निखरी त्वचा, ऐसे करें इस्तेमाल

05/10/2025
खाना-खजाना

नए स्टाइल से बनाएं सब्जी, स्वाद ऐसा की पेट भर जाएगा मन नहीं

05/10/2025
Next Post
holi

Holi 2021: क्यों किया जाता है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

यह भी पढ़ें

house collapsed

अचानक ढह गया तीन मंजिला मकान, मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका

14/09/2024
joint pain signs

जोड़ों में दर्द को न करें इग्नोर, इस बीमारी का हो सकता है संकेत

10/09/2025
CM Dhami

मुख्यमंत्री धामी ने अटल बिहारी वाजपेयी को अर्पित की श्रद्धांजलि

16/08/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version