अभिनेत्री कंगना रणौत को दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति द्वारा समन किया गया है। कंगना को 6 दिसंबर को दोपहर 12:00 बजे समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
मोदी सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद कंगना ने किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तानी आंदोलन से की थी। जिसके बाद देश के अलग अलग इलाकों में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने इंस्टाग्राम पर सिख समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कंगना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। गौरतलब है कि शांति और सद्भाव समिति के अध्यक्ष आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा हैं।
कंगना रणौत ने किसान मुद्दे को लेकर अपने फेसबुक अकाउंट से एक विवादित पोस्ट में लिखा था ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रही हो, लेकिन उस महिला (इंदिरा गांधी) को नहीं भूलना चाहिए, जिसने अपनी जूती के नीचे इन्हें कुचल दिया था, लेकिन अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, मगर देश के टुकड़े नहीं होने दिए, उनकी मृत्यु के दशक के बाद भी, आज भी उसके नाम से कांपते हैं ये, इनको वैसा ही गुरु चाहिए।
ट्विटर अकाउंट सस्पैंड होने के बाद कंगना इंस्टाग्राम पर सक्रिय हैं और हर चीज पर अपने विचार साझा करती रहती हैं। तीनों कृषि कानून वापस लेने के सरकार के फैसले से कंगना निराश हैं। कंगना ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी साझा करते हुए लिखा था, ‘दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत… अगर संसद में बैठी सरकार के बजाय गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है… उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं।’