अलीगढ़। एएमयू छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व कांग्रेस के शहर सीट के प्रत्याशी मो.सलमान इम्तियाज एडीएम सिटी के न्यायालय से जिला बदर किए गए हैं। यह खबर शुक्रवार देर शाम उस समय आई, जब सिपाही उनके घर न्यायालय का जिला बदर नोटिस चस्पा करने पहुंचा। खबर मिलते ही खुद सलमान के पैरों तले जमीन खिसक गई। वे घर से गायब हो गए। इधर, यह खबर जब फैली तो कांग्रेस ने इसे प्रशासन की सोची समझी साजिश करार देकर न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। अब सलमान के चुनाव प्रचार का भविष्य जो भी हो, फिलहाल सियासत गरमा गई है।
एएमयू में सीएए-एनआरसी विरोधी उपद्रव के दौरान सिविल लाइंस व कोतवाली में नौ अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए। इस बात का उल्लेख बृहस्पतिवार को खुद अपने नामांकन पत्र में सलमान की ओर से किया गया है। सिविल लाइंस से संबंधित मुकदमे में मार्च वर्ष 2020 में पुलिस की ओर से गुंडा एक्ट संबंधी रिपोर्ट एडीएम सिटी के न्यायालय को भेजी गई थी। इन्हीं तमाम रिपोर्टों के आधार पर अब चुनावी सीजन में जनवरी माह के प्रारंभ में एडीएम सिटी के न्यायालय से 80 से अधिक जिला बदर घोषित कर उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। इसी क्रम में सलमान इम्तियाज को 13 जनवरी को 6 माह के लिए जिला बदर घोषित कर नोटिस जारी किया गया।
हालांकि, नियमानुसार यह नोटिस 24 घंटे के अंतराल में संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचना चाहिए था। मगर किन्हीं कारणों से नोटिस अब शुक्रवार शाम सिविल लाइंस पुलिस के पैरोकार की ओर से सलमान के घर पहुंचाया गया। शाम को नोटिस पहुंचते ही खुद सलमान, परिवार व समर्थकों में खलबली मच गई। नोटिस पहुंचने के बाद सलमान मोबाइल बंद कर घर से गायब हो गए हैं। परिवार परेशान हाल में कुछ बोलने या कहने की स्थिति में नहीं है। बस परिवार के सदस्य इतना ही कह रहे हैं कि ये सब जानबूझकर किया गया है।
– पुलिस की गुंडा एक्ट रिपोर्ट के आधार पर सलमान इम्तियाज पर हमारे न्यायालय से जिला बदर की कार्रवाई कर नोटिस 13 जनवरी को जारी किया गया है। अब वे उनके शीर्ष न्यायालय में आवेदन कर जमानत पा सकते हैं। – राकेश कुमार पटेल, एडीएम सिटी
– देश के शीर्ष शिक्षण संस्थान एएमयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे सलमान को पार्टी ने शहर से प्रत्याशी बनाया है। छात्रों के झगड़े में मुकदमे लगना आम बात है। यह जिला प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर सोची समझी साजिश के तहत किया है। न तो अपनी बात रखने का मौका दिया, जब अदालत ने 13 तारीख को नोटिस जारी किया तो नामांकन के अगले दिन क्यों पहुंचा। अब शनिवार व रविवार को अवकाश में कहीं हम अपनी बात नहीं रख सकते। अब इसके खिलाफ शीर्ष अदालत में जाएंगे। कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे और चुनाव भी लड़ेंगे। इससे साबित होता है कि शहर में भाजपा खुद को कमजोर समझ रही है।-संतोष सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
सीएए-एनआरसी उपद्रव से जुड़े मुकदमों के बाद मार्च 2020 की तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी की रिपोर्ट के बाद एडीएम सिटी की अदालत से सलमान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिस पर 4 सितंबर 2020 तारीख थी। मगर नियत तारीख पर कोई जवाब देने नहीं आया। इस पर पुलिस की ओर से गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर रिपोर्ट प्रेषित की गई। इस आधार पर अदालत ने ऊपरकोट निवासी सलमान इम्तियाज को छह माह के लिए जिला बदर कर कासगंज के थाना गंजडुडवारा से संबद्ध किया है।
कहा है कि वह छह माह के लिए जिले की सीमा से बाहर चला जाए। गंजडुडवारा थाने में अपनी हाजिरी दे। यदि किसी विशेष परिस्थिति में घर जिला प्रोबेशन अधिकारी की अनुमति लेकर आ सकता है। मगर अनुमति अवधि समाप्त होने पर वापस जाना होगा। अदालत के इस इस आदेश की प्रति एसपी कासगंज को भी भेजी गई है। सिविल लाइंस पुलिस ने नोटिस चस्पा करने की पुष्टि की है।