सनातन धर्म में करवा चौथ (Karwa Chauth) का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस त्योहार पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दौरान वह सूर्योदय होने पर व्रत शुरू करती है। चंद्रोदय के साथ ही उनका व्रत समाप्त हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखनी वाली महिलाओं का वैवाहिक जीवन बहुत ही शानदार रहता है। उनको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस आर्टिकल में हम आपको करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत के नियमों के बारे में बताएंगे।
करवा चौथ (Karwa Chauth) के इन नियमों का करें पालन
– करवा चौथ (Karwa Chauth) के व्रत के दौरान सुहागिन महिलाओं को लाल वस्त्र पहनना चाहिए। लाल रंग का वस्त्र सुहाग की निशानी होता है।
– पूजा अर्चना के दौरान सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए। उसके बाद पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
– महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत को पूरा करना चाहिए।
– व्रत के दौरान किसी के खिलाफ गलत विचार नहीं लेकर आने चाहिए।
– व्रत के दौरान अन्न व जल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
इस विधि से करें करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत को करें पूरा
करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। महिलाएं इस दिन का चांद का सबसे ज्यादा इंतजार करती हैं, क्योंकि इस व्रत में वह पानी तक नहीं पीती हैं। चांद के निकलने के बाद व्रत को पूरा करने के लिए पूजा करें। एक दीपक जलाएं और छलनी से चंद्रमा के दर्शन करने के बाद पति को देखें। उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों से जल को ग्रहण करें।
करवा चौथ (Karwa Chauth) 2024 का समय
पंचाग के अनुसार 20 अक्टूबर को सूर्योदय के साथ करवा चौथ (Karwa Chauth) के व्रत की शुरूआत हो जाएगी। करवा चौथ के व्रत का समय सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट तक है। करवा चौथ (Karwa Chauth) में पूजा का मुहूर्त शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक है। करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 22 मिनट पर है।