• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इलाहाबाद हाईकोर्ट :आयु निर्धारण पर विवाद की स्थिति में मेडिकल साक्ष्य को दी जाएगी वरीयता

Desk by Desk
27/09/2020
in ख़ास खबर, शिक्षा
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

प्रयागराज| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि आयु निर्धारण पर विवाद की स्थिति में दस्तावेजी साक्ष्य के मुकाबले मेडिकल साक्ष्यों को वरीयता दी जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने पीड़िता की आयु के निर्धारण पर उत्पन्न विवाद में दिया है। कोर्ट ने मेडिकल साक्ष्य को वरीयता देने के सीजेएम गाजीपुर के निर्णय को सही करार देते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी है।

पीड़िता के पिता ने निगरानी अर्जी दाखिल कर छह जनवरी 2020 के सीजेएम के आदेश को चुनौती दी थी। कहा गया कि इस मामले में हाईकोर्ट एक याचिका पर पीड़िता के अभिभावकों को भी सुनकर आयु निर्धारण का आदेश दिया था लेकिन सीजेएम ने उन्हें सुने बगैर एकतरफा आदेश दे दिया जबकि उन्होंने पीड़िता का जन्मतिथि प्रमाणपत्र जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट जिसमें उसकी जन्मतिथि 25 जनवरी 2004 दर्ज है, प्रस्तुत की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। इस हिसाब से पीड़िता को नाबालिग मानना चाहिए।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी डीयूईटी परीक्षा की ‘आंसर की’ हुई जारी

सरकारी वकील का कहना था कि सीजेएम के समक्ष जूनियर हाईस्कूल की जो मार्कशीट पेश की गई, उसमें जन्मतिथि 24 जनवरी 2001 है। सीजेएम ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को आधार बनाया, जिसमें पीड़िता की आयु 18 से 19 वर्ष आंकी गई है। याची का कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट छह माह पुरानी है। घटना एक जून 2019 की है। कोर्ट का कहना था कि इस मामले में दो मार्कशीट प्रस्तुत की गई हैं। दोनों में जन्मतिथि अलग-अलग है। ऐसी स्थिति में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ही मान्य होगी। यदि रिपोर्ट छह माह पुरानी है तब भी रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की आयु 18 से 19 वर्ष के बीच है। इस हिसाब से पीड़िता की आयु घटना के समय भी 18 वर्ष से कम नहीं है। सीजेएम ने अभिभावकों का पक्ष न सुनकर गलती की है लेकिन इस कोर्ट ने अभिभावकों को सुनवाई का पूरा मौका दिया है।

Tags: Age determinationage disputeAllahabad High Courtdate of birth certificatedispute on age determinationhigh school certificatevalid medical evidenceआयु निर्धारणआयु निर्धारण पर विवादआयु विवादइलाहाबाद हाईकोर्टजन्मतिथि प्रमाण पत्रमेडिकल साक्ष्य मान्य
Previous Post

परीक्षा केंद्रों के बदलाव को लेकर आयोग ने जारी किया अहम नोटिस

Next Post

देश भर में आज जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2020 का आयोजन

Desk

Desk

Related Posts

Independence Day was celebrated in council schools
उत्तर प्रदेश

1.32 लाख परिषदीय विद्यालयों में एक साथ 1.48 करोड़ बच्चों ने दी झंडे को सलामी

15/08/2025
उत्तर प्रदेश

सिविवि में “पंच परिवर्तन से राष्ट्र परिवर्तन” विषय संगोष्ठी सम्पन्न

13/08/2025
UP Police Sub Inspector Recruitment
Main Slider

यूपी पुलिस सब इंस्पेक्टर पद पर निकली बंपर भर्ती, आवेदन शुरू

13/08/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद के लखनऊ परिसर को दी स्थायी भूमि

12/08/2025
उत्तर प्रदेश

जिलाध्यक्ष की दिवंगत धर्मपत्नी की स्मृति में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा हुआ वृक्षारोपण

12/08/2025
Next Post
SNAP admit card

देश भर में आज जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2020 का आयोजन

यह भी पढ़ें

A family troubled by land dispute attempted suicide

महिला सभासद के आवास पर दबंगों का हमला

26/02/2022
Cabbage

मोतियाबिंद के खतरे को कम करती है ये सब्जी, जानिए और फायदे

13/03/2025
CM Yogi

अगले दो साल में दो लाख नौजवानों को देंगे सरकारी नौकरी : मुख्यमंत्री

22/08/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version