पूरी दुनिया में देखा जाता है कि बच्चे शरारत जरूर करते हैं या फिर बच्चों की किसी बदमाशी को लेकर माता-पिता को उन पर काफी गुस्सा भी आता है। कभी-कभी तो ये गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि मटा पिता उनको पीट देते है। लेकिन अगर आप भी अपने बच्चे की पिटाई करते हैं, तो यहां आपको बता दें कि इससे उनके दिमाग के विकास पर गहरा असर पड़ सकता है। लेकिन ऐसा हम नहीं बल्कि एक अध्ययन कह रहा है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की, जिसमें उन्होंने ये पता लगाया है कि अगर बच्चों की पिटाई की जाए, तो इससे उनके दिमाग के विकास पर गहरा असर पड़ता है। साथ ही पिटाई के कारण बच्चों में फैसले लेने की ताकत और परिस्थितियों को भांपने की क्षमता भी खत्म हो सकती है। जितना ही ये अध्ययन लाभदायक होता है उतना ही इस अध्ययन ने माता-पिता की चितांओं को बढ़ाने का काम जरूर किया है, लेकिन इससे माता-पिता को सतर्क भी होना चाहिए।
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर केटी ए मैक्लॉगिन इस शोध टीम की प्रमुख हैं। उन्होंने इस अध्ययन को लेकर कई जानकारी भी दी। कैटी ने बताया कि बच्चों को पीटने से उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। इससे उनके प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स यानी उनकी मस्तिष्क की तंत्रिका कमजोर हो जाती है और उनके सोचने और विचार करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इस अध्ययन में सामने आया कि पिटाई एक तरह से दिमागी कुपोषण पैदा करती है।
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डॉक्टर केटी ने आगे कहा कि, शोध में उन्होंने देखा कि जिन बच्चों की ज्यादा पिटाई होती है, उनमें चिंता, डिप्रेशन और मानसिक व्यवहार की परेशानियां ज्यादा देखी गईं। वहीं, उन्होंने रिसर्च के दौरान तीन से 11 साल तक की उम्र के बच्चों के शरीर पर पिटाई के प्रभावों से मिले डेटा का विश्लेषण भी किया। इसमें मैग्नेटिक रिसोनेंस इमेजिंग यानी एमआरआई मशीन के जरिए सभी बच्चों की जांच की गई। इसमें जहां एक तरफ कुछ बच्चों के चेहरे डरे-सहमे थे, तो वहीं दूसरी तरफ बाकी बच्चों के चेहरे सामान्य भाव वाले थे।