चंडीगढ़। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में बड़ा उलटफेर करते हुए बीजेपी ने मेयर के पद पर कब्जा कर लिया है। बीजेपी की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर बन गई हैं। निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली AAP ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है।
चुनाव के बाद मेयर की कुर्सी के पीछे ही आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद धरने पर बैठ गए हैं। डीसी विनय प्रताप सिंह को भी मौके पर रोक लिया गया है। नगर निगम के अंदर मार्शल बुलाए गए हैं, धक्का-मुक्की जारी है। AAP की पार्षद भी मेयर के बगल की कुर्सी पर बैठ गई हैं।
बता दें कि चंडीगढ़ निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी ने 12 सीटें जीती थीं। जबकि AAP के खाते में 14 सीटें आई थीं। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद देवेंद्र सिंह बबला अपनी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जबकि बीजेपी की सांसद किरण खेर को भी एक वोट डालने का अधिकार है। इस तरह से बीजेपी के पास 14 वोट हो गए थे।
चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सीटें हैं। निकाय चुनाव 24 दिसंबर को हुए थे जिसमें कोई भी दल बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था। लेकिन पहली ही बार आई AAP ने 14 सीटें जीतकर तहलका मचा दिया था। जबकि बीजेपी के 12, कांग्रेस के 8 पार्षद और अकाली दल के 1 पार्षद ने जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने पूर्व पार्षद जगतार सिंह जग्गा की पत्नी सरबजीत कौर को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था। वहीं आप ने अंजू कत्याल को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने चुनाव में शामिल नहीं होने की घोषणा की है, उन्होंने अपने प्रत्याशी का नामांकन मेयर के लिए नहीं कराया।
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सभी पार्टियों को खरीद फरोख्त का डर था। इसलिए कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों को राजस्थान के जयपुर भेज दिया था। जो आज ही लौटे हैं। AAP के पार्षद पहले दिल्ली में रहे बाद में कसौली आए फिर चंडीगढ़ आए।
वहीं भाजपा ने अपने पार्षदों को शिमला भेज दिया था। शुक्रवार शाम को ये सभी वापस लौटे। बता दें कि एक जनवरी को सभी नए 35 पार्षद शपथ भी ले चुके हैं।