माना जाता है कि रुद्राक्ष ( Rudraksh) भगवान शिव के आंखों से गिरे आंसू हैं। ऐसे में इसकी अहमियत पूजा-पाठ में बहुत अधिक होती। खासतौर पर जब महीना सावन का हो। इसे लोग भगवान शिव से मिले आर्शीवाद के रूप में गले में पहनते भी है। रुद्राक्ष को शरीर के लिए रक्षा कवच की तरह काम करता है। जिससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक सभी तरह से सेहतमंद रहता है। साथ ही इससे नकारात्मक ऊर्जा भी दूर रहती है। इसके कई दूसरे फायदेमंद पक्ष और भी हैं, जिसे आप ज्योतिषियों से जान सकते हैं। जैसे-जैसे लोगों को इसके बारे में पता चल रहा है, इसे पाने के लिए एक होड़ सी लग गई है।
इसी बढ़ती लोकप्रियता का फायदा उठाकर कई लोग नकली रुद्राक्ष भी मार्केट में बेचने लगे हैं। जिसे पहनने का कोई फायदा नहीं है। ऐसे में अब लोगों का यह आम सवाल हो गया है कि असली और नकली रुद्राक्ष को कैसे पहचानें? यदि आप भी इसका जवाब खोज रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए हैं। यहां हम आपको रुद्राक्ष को पहचानने का सटीक तरीका बता रहे हैं।
इन चीजों से बनाए जाते हैं नकली रुद्राक्ष ( Rudraksh)
आमतौर पर नकली रुद्राक्ष लकड़ी, सुपारी, जायफल, तुलसी, प्लास्टिक आदि से बनाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग असली रुद्राक्ष की टूटी हुई मुखियों को चिपका कर भी इसे तैयार करते हैं।
सद्गुरु ने बताया कैसे करें असली रुद्राक्ष ( Rudraksh) की पहचान
सद्गुरु बताते हैं, कि असली रुद्राक्ष में अद्भुत शक्तियां होती है। यह पानी में घुले हल्के से जहर की मात्रा को पहचान में भी कारगर होता है।
ऐसे में यदि आपको अपने पास रखे रुद्राक्ष को पहचान करनी है, तो इसे जहरीले पानी के ठीक ऊपर लटका कर कुछ देर के लिए रखें। यदि रुद्राक्ष एंटी क्लॉक वाइज घूमने लगे तो यह असली है।
रुद्राक्ष ( Rudraksh) असली है या नकली काटकर पहचाने
रुद्राक्ष असली है या नकली, यह पहचानने के लिए इसके मनकों को काटकर देखना सबसे पुख्ता तरीका है।
दरअसल, असली रुद्राक्ष भीतर से भी वैसा ही होता है, जैसा यह बाहर से दिखाई पड़ता है। हालांकि इस तरीके का इस्तेमाल रुद्राक्ष को खराब कर देता हैं। ऐसे में आप रुद्राक्ष की शुद्धता का पता लगाने के लिए एक्स-रे, या सीटी स्कैन का उपयोग कर सकते हैं।
देखकर पता चल जाएगा रुद्राक्ष ( Rudraksh) है डुप्लीकेट
नकली रुद्राक्ष को कितने भी सफाई से डिजाइन किया गया हो, मुखियों को उतना वास्तविक नहीं बनाया जा सकता जितना कि यह एक असली रुद्राक्ष में दिखाई देते हैं।
ऐसे में एक्सपर्ट इसे देखते ही पहचान लेते हैं। जो रुद्राक्ष नेचुरल होते हैं, उसपर मौजूद मुखी गहरे विभाजन के साथ बंद होंठों की तरह दिखाई पड़ते हैं। इसे आप मैग्नीफाइड ग्लास की मदद से बहुत आसानी से देख सकते हैं।
इन तरीकों से नहीं मिलता है सटीक परिणाम
असली और नकली रुद्राक्ष ( Rudraksh) को पहचानने के कई ऐसे तरीके भी लोगों के बीच खूब प्रसिद्ध है, जो वास्तविक परिणाम नहीं देते हैं।
इसमें मुख्य रूप से पानी में रुद्राक्ष को डुबोकर देखना और तांबे के सिक्कों के बीच रुद्राक्ष को रखने पर उसका घूमना शामिल है। ज्यादातर साधु या दूकानदार इन दो तरीकों को सहारा लेकर ही नकली रुद्राक्ष को बेचकर खूब पैसा कमाते हैं।