सूबे के डीजीपी मुकुल गोयल ने निर्देश देते हुए कहा है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के अधिकांश प्रकरण जमीन सम्बन्धी विवाद व छोटे-मोटे झगड़े से सम्बन्धित होते हैं। इस तरह के विवाद बड़ा रूप लेने की सम्भावनाएं बनी रहती हैं। इस समस्याओं के निस्तारण के दृष्टिगत कम्युनिटी पुलिसिंग प्रोग्राम (एस-10) के तहत पुलिस एवं जनसामान्य के मध्य सामंजस्य के लिए एस-10 को और अधिक प्रभावी किया जाये।
पुलिस प्रमुख मुकुल गोयल ने सामुदायिक पुलिसिंग की अवधारणा के व्यवहारिक सदुपयोग पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के विवाद होते रहते हैं, जिसके निस्तारण में पुलिस अपनी भूमिका का निर्वाहन प्रभावी ढंग से करती है, किन्तु ऐसे विवादों आदि में स्थानीय स्तर पर सक्रिय योगदान के लिए यदि जनपद के सम्भ्रान्त व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए तो विवादों के निपटारे अधिक कुशलता एवं समयबद्ध तरीके से किये जा सकते हैं।
उन्होंने कह कि एस-10 में गांवो के प्रधान एवं पूर्व प्रधान को आवश्यकतानुसार उसका सदस्य अवश्य बनायें तथा अन्य सम्भ्रान्त, सामाजिक व्यक्ति, जो इन विवादों को सुलझाने में पुलिस की मदद कर सकते हैं उनको भी सदस्य बनाया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में इस कमेटी का सूत्रवाक्य गांव का झगड़ा गांव में सुलझाए, कोर्ट-कचेहरी हम क्यों जाएं, होना चाहिए तथा शहरी क्षेत्र के मोहल्लों में इसका उद्देश्य सामुदायिक सौहार्द बढ़ाना एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीट इंचार्ज द्वारा माह में एक दिन ग्राम-मोहल्ले में जाकर एस-10 की मीटिंग अवश्य की जाये। साथ ही प्रत्येक गांव के एस-10 के सदस्यों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर निरन्तर सम्पर्क स्थापित करते हुए समय-समय पर सदस्यों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि गांव में किसी प्रकार का विवाद-झगड़ा होने पर उसकी सूचना तत्काल बीट इंचार्ज को दी जाये। इस प्रकार की कार्यप्रणाली से छोटे-मोटे विवादों का हल सम्भव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रो में थाना स्तर पर पीस कमेटी पूर्व से ही प्रचलित है तथा त्योहारोें से पहले उनकी मीटिंग पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाती है, इसी प्रकार मोहल्ले स्तर पर एस-10 सदस्यों की मीटिंग भी सौहार्द बनाये रखने के लिये की जाये। गोष्ठी में बीट इंचार्ज-महिला बीट प्रभारी द्वारा महिला सम्बन्धी अपराधों पर प्रभावी अंकुश तथा शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई रखना, यातायात नियमों का पालन करना इत्यादि के बारे में प्रेरित किया जाये। ऐसे क्षेत्रों में बीट इंचार्ज द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि यदि कोई घटना घटित होती है तो पुलिस बल के पहुॅचने से पहले एस-10 के सदस्य स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास करेंगे।
डीजीपी ने कहा कि ग्राम चौकीदार इस प्रकार की गोष्ठी में अवश्य सम्मलित हो और उन्हें एस-10 के सभी सदस्यों से सम्पर्क में रहने के लिए प्रेरित किया जाये। क्षेत्राधिकारी द्वारा एस-10 के कम से कम एक सदस्य से प्रत्येक सप्ताह मोबाइल फोन से क्षेत्र की कुशलता के सम्बन्ध में वार्ता की जाय।