लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं तमकुहीराज के विधायक अजय कुमार लल्लू ने विधानसभा में नियम 51 के तहत बुनकरों का सवाल प्रमुखता से उठाया।
श्री लल्लू ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि आजादी के बाद कृषि क्षेत्र के विकास के साथ-साथ करघा उद्योग को विकसित करने, बुनकरों की आर्थिक उन्नति के लिए सूबे के कई जिलों में हथकरघा उद्योग की कई छोटी-बड़ी इकाइयां स्थापित की और उनकी बेहतरी के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई थी, ताकि अधिक से अधिक लोगो को रोजगार उपलब्ध हो और कपड़ा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बने।
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उन्होने कहा कि कांग्रेस की सरकार में यह उद्योग फलता-फूलता रहा लेकिन बाद में यह क्षेत्र नई सरकारों द्वारा उपेक्षित होता चला गया जिसका परिणाम यह है कि लगभग 80 प्रतिशत हथकरघा उद्योग बन्द हो चुका है। लाखों परिवारों के रोजगार छिन चुके हैं।
जौनपुर, खलीलाबाद, अम्बेडकरनगर, अमरोहा, बाराबंकी, इलाहाबाद, सीतापुर आदि जिलों में करघा उद्योग लगभग बन्द ही हो चुका है। मऊ, टाण्डा, भदोही, वाराणसी, गोरखपुर आदि जिलों में जहां चल रहे हैं वहां भी हालत काफी दयनीय है।
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विधायक ने कहा कि बुनकरों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भयानक अभाव है। बुनकर करघा बेचकर पलायन कर रहे हैं। बुनकरों के हुनरमंद हाथ रिक्शा-ठेला खींचने को मजबूर हैं।