जयपुर। राजस्थान में लंबित मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय के नेताओं ने आंदोलन करने का आह्वान किया । इसको देखते हुए राजस्थान सरकार ने शनिवार को 8 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू कर दिया है।
राज्य के गृह विभाग ने भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और झालावाड़ के जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि रविवार को पिलूपुरा में आयोजित सभा हिंसक हो सकती है, लिहाजा वे एनएसए के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करें।
शुक्रवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी बैंसला ने कहा कि सामुदायिक आंदोलन 1 नवंबर से शुरू होगा। इसके चलते पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को पहले ही बंद कर दिया गया था। हालांकि समुदाय के कुछ नेता सरकार के साथ बातचीत करने के लिए जयपुर के लिए रवाना हुए हैं।
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1 नवंबर से पहले से ही राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है और इस क्षेत्र में केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों की अतिरिक्त टीमों को तैनात किया गया है। कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए शनिवार को गुर्जर बहुल इलाकों में सुरक्षा बलों को भेजा गया है। जीआरपर के 300 और आरपीएफ के 100 जवान बयाना पहुंच चुके हैं।
बता दें कि 17 अक्टूबर को गुर्जर नेताओं ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वे भरतपुर में हुई महापंचायत में समुदाय द्वारा की गई मांगों को वीकार करें अन्यथा समुदाय 1 नवंबर से आंदोलन करेगा। यह महापंचायत गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने आयोजित की थी और इसमें हिम्मत सिंह समेत समुदाय के अन्य नेता शामिल हुए थे।
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शुक्रवार को करौली में बैंसला ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए समर्थकों से रविवार सुबह भरतपुर के पिलुपुरा में इकट्ठा होने के लिए कहा था।