मिर्जापुर। जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) के उत्तराधिकारी के खिलाफ लालगंज थाने में कुकर्म (Rape) का केस दर्ज (Case Filed) किया गया है। पीड़ित के पिता का आरोप है कि रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी ने शरीर में दर्द होने के बहाने मालिश के लिए उसके बेटे को बुलाया और उसके साथ दरिंदगी की। यहां तक कि किसी से कुछ बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। 24 फरवरी को जब बेटे से पिता की मुलाकात हुई तो उसने रो-रोकर आपबीती सुनाई।
उधर, रामभद्राचार्य का कहना है कि जो आरोप पीड़ित के पिता ने लगाया है, वह पूरी तरह से षड्यंत्र है। तुलसी पीठ की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए षडयंत्र रचा गया है। रामचंद्र दास के ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
सात माह से तुलसी पीठ में रह रहा पीड़ित किशोर
जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला 13 साल का किशोर पिछले 7 महीने से चित्रकूट के श्रीतुलसी पीठ में रह रहा है। वह दीक्षा भी ले चुका है। आचार्य रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा ने ही पीड़ित का प्रवेश दिलाया था। पिता ने पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा, 8 फरवरी से 15 फरवरी तक जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य की कथा मिर्जापुर के लालगंज के एक गांव में हुई थी। उसमें आचार्य रामचंद्र दास के साथ उनका बेटा भी गया था।
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13 फरवरी की रात 10 बजे आचार्य रामचंद्र दास ने शरीर में दर्द होने के बहाने किशोर को अपने कमरे में बुलाया। उसके बाद उसके साथ कुकर्म किया। विरोध करने पर मारपीट की और कहा कि किसी को बताया तो गोली मार दूंगा। दूसरे दिन वह मध्यप्रदेश के सतना में आयोजित कथा में शामिल होने के लिए चला गया। जब यह वारदात हुई तो पीड़ित के पिता गुजरात में थे। 24 फरवरी को जब वह आश्रम पहुंचे तो बेटे ने आपबीती सुनाई।
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प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया ने बताया कि आरोपी आचार्य के खिलाफ धारा 377 सहित आधा दर्जन अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामला राष्ट्रीय संत एवं कथावाचक रामभद्राचार्य के सेवादार से जुड़े होने के नाते, इसकी जांच सीओ लालगंज कर रहे हैं। अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कौन है आचार्य रामचंद्र दास?
आचार्य रामचंद्र दास तुलसी पीठ चित्रकूट में बचपन से रहा है। यहीं पर उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संत समाज की मौजूदगी में अगस्त 2019 को रामचंद्र दास को तुलसी पीठ, दिव्यांग विश्वविद्यालय का उत्तराधिकारी घोषित किया था। बीते दिनों में आचार्य रामचंद्र दास की अगुवाई में विश्व हिंदू महाकुंभ का आयोजन किया गया था, उसमें देश-विदेश के प्रमुख धर्मों के संत महंत उपस्थित हुए थे।