• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानें क्या होता है फ्लोर टेस्ट, कैसे तय होता है सरकार बचेगी या गिरेगी

Writer D by Writer D
24/06/2022
in Main Slider, शिक्षा
0
floor test

floor test

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच आशंका जताई जा रही है कि शिवसेना (Shiv Sena) के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर भी सकती है। शिवसेना में दो फांड़ हो गया है। एक गुट का नेतृत्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कर रहे हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने दूसरा गुट बना लिया है। दोनों ही गुट विधायकों के समर्थन को लेकर अलग-अलग दावा कर रहे हैं। एक के बाद एक, कई विधायक सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से दूर होते नजर आ रहे हैं। इस बीच अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट (Floor Test) की नौबत आ सकती है।

हालांकि बीजेपी अभी इस सियासी संकट की वजह होने से किनारा कर रही है, लेकिन इसमें पार्टी की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल अगर बीजेपी राज्यपाल को चिट्ठी लिखती है और सरकार बनाने का दावा भेजती है तो महाविकास अघाड़ी को बहुमत साबित करना होगा। फ्लोर टेस्ट (Floor Test) में स्पष्ट हो पाएगा कि उद्धव के पास सरकार में बने रहने का अधिकार है या नहीं।

आइए समझने की कोशिश करते हैं कि ये फ्लोर टेस्ट (Floor Test)  क्या होता है, कैसे होता है, पूरी प्रक्रिया कौन कराता है और आखिरकार इसके परिणाम क्या होते हैं।

क्या होता है फ्लोर टेस्ट (Floor Test) ?

फ्लोर टेस्ट (Floor Test) को हिंदी में विश्वासमत कहा जा सकता है। फ्लोर टेस्ट के जरिए यह जय होता है कि वर्तमान मुख्यमंत्री या सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं। चुनाव में जीते हुए विधायक अपने मत के जरिए सरकार के भविष्य का निर्णय करते हैं। (केंद्र सरकार की स्थिति में प्रधानमंत्री को साबित करना होता है कि उनके पास पर्याप्त सांसदों का समर्थन है या नहीं।) अगर मामला राज्य का है तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है, वहीं केंद्र सरकार की स्थिति में लोकसभा में फ्लोर टेस्ट होता है।

अगर MVA को बचाने की कोशिश की तो शरद पवार घर नहीं जा पाएंगे, संजय राउत का दावा केंद्रीय मंत्री ने दी धमकी

फ्लोर टेस्ट सदन में चलने वाली एक पारदर्शी प्रक्रिया है। इसमें राज्यपाल का हस्तक्षेप नहीं होता। फ्लोर टेस्ट में विधायकों या सासंदों को व्यक्तिगत तौर पर सदन में प्रस्तुत रहना होता है और सबके सामने अपना वोट यानी समर्थन देना होता है।

कौन कराता है फ्लोर टेस्ट (Floor Test) ?

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि फ्लोर टेस्ट (Floor Test)  में राज्यपाल का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। वे सिर्फ आदेश देते हैं कि फ्लोर टेस्ट कराया जाना है। इसे कराने की पूरी जिम्मेदारी सदन के स्पीकर के पास होती है। अगर स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ हो तो प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर अस्थाई होते हैं। जैसा कि चुनाव खत्म होने के बाद, सरकार गठन के समय भी होता है। विधानसभा या लोकसभा के चुनाव के बाद शपथ ग्रहण के लिए भी प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। बाद में स्थाई स्पीकर बनाए जाते हैं।

अग्निवीरों के लिए अपनी पेंशन छोड़ेंगे वरुण गांधी, कही ये बड़ी बात

कैसे लिया जाता है फैसला?

फ्लोर टेस्ट (Floor Test)  की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती है और प्रोटेम स्पीकर की निगरानी में की जाती है। सुप्रीम कोर्ट भी अपने एक आदेश में ऐसा कह चुका है। प्रोटेम स्पीकर ही फ्लोर टेस्ट से संबंधित सारे फैसले लेते हैं। वोटिंग की स्थिति में पहले विधायकों की ओर से ध्वनि मत लिया जाता है। इसके बाद कोरम बेल बजती है। और इसके बाद सदन में मौजूद सभी विधायकों को सत्ता पक्ष और विपक्ष में बंटने को कहा जाता है।

विधायक सदन में बने ‘हां या नहीं’ यानी “समर्थन या विरोध’ वाली लॉबी की ओर रुख करते हैं। इसके बाद पक्ष-विपक्ष में बंटे विधायकों की गिनती की जाती है और फिर स्पीकर इसी आधार पर परिणाम घोषित करते हैं। सत्ता पक्ष के पास जादूई आंकड़े के बराबर या अधिक विधायकों का समर्थन हो तो राज्य की सरकार बच जाती है। और अगर जादूई आंकड़े से दूर रही गए तो सरकार गिर जाती है।

पूरा होगा BSF में भर्ती होने का सपना, rectt.bsf.gov.in पर करें अप्लाई

कई बार जब मौजूदा सरकार को यह आभास हो जाता है कि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है या फिर सदन के भीतर खेल हो सकता है और उनके विधायक दूसरे पक्ष में जा सकते हैं तो इस स्थिति में सरकार फ्लोर टेस्ट से पहले ही ​इस्तीफा दे देती है।

Tags: amazing factEducation NewsEknath ShindeFloor TestMaharashtra Newsmaharashtra political crisisMumbai NewsNational newspolitical crisisuddhav thackeraywhat is floor testwho conducts floor test
Previous Post

पूरा होगा BSF में भर्ती होने का सपना, rectt.bsf.gov.in पर करें अप्लाई

Next Post

सीएम धामी ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की भेंट, जमरानी बांध एवं जल विद्युत परियोजना की स्वीकृति का किया आग्रह

Writer D

Writer D

Related Posts

Diabetes
Main Slider

इन चीजों से कंट्रोल में रहेगा ब्लड शुगर

02/11/2025
Tej Pratap Yadav
Main Slider

अगर तेजस्वी महुआ आए तो मैं … तेज प्रताप यादव की खुली चुनौती

01/11/2025
CM Nayab Singh Saini
Main Slider

रक्तदान से किसी मरीज को नया जीवन मिलता है: मुख्यमंत्री नायब सिंह

01/11/2025
CM Dhami
Main Slider

पहाड़ के लोकपर्व हमारा गर्व, हमारी आत्मा: सीएम धामी

01/11/2025
AK Sharma
Main Slider

विकास का हर कार्य जनता की सुविधा और सम्मान के लिए समर्पित है: एके शर्मा

01/11/2025
Next Post
cm dhami

सीएम धामी ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की भेंट, जमरानी बांध एवं जल विद्युत परियोजना की स्वीकृति का किया आग्रह

यह भी पढ़ें

Milk Almond Shake

दिन की शुरुआत करें मिल्क बादाम शेक, स्वाद के साथ मिलेगी सेहत

13/08/2024
cm yogi - gurleen

गुरलीन के प्रयासों की सीएम योगी ने की सराहना, कहा- बुंदेलखंड के किसानो को जागरूक करें

01/02/2021
attacked

महिला ने पति के गुप्तांग पर चाकू के वार किया, मुकदमा दर्ज

20/06/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version