धर्म डेस्क। राम से बड़ा राम का नाम ये तो आपने सुना ही होगा परंतु क्या आप जानते हैं कि प्रभु श्रीराम के नाम की महिमा का गोस्वामी जी ने कितना वर्णन किया है। इस नाम का अर्थ और औचित्य क्या है। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा की माने तो ‘श्रीराम’ -का अर्थ है प्रभु श्रीराम को पुकारना। यह भगवान राम के प्रति पुकार है । ‘जय राम’- यह उनकी स्तुति है जय जय राम’-यह उनके प्रति पूर्ण समर्पण है। प्रतिदिन भगवान श्रीराम के मंत्रों का जाप करने से मनचाही कामना पूरी होती है। अतः आइये जानते हैं इन चमत्कारी ‘राम मंत्रों’ के बारे में।
सर्वार्थसिद्धि श्री राम ध्यान मंत्र-
ॐ पदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम ! श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
किसी संकट में सहायता हेतु-
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥ — आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
ग्रह क्लेश निवारण और सुख संपत्ति दायक-
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥ हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते। बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
चहुओर सफलता के लिए-
” ॐ राम ॐ राम ॐ राम ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम – क्लीं राम क्लीं राम। फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः ।
प्रतिदिन प्रभु के स्मरण हेतु-
|| श्री राम जय राम जय जय राम ||
मनोकामना पूर्ति हेतु-
|| श्री रामचन्द्राय नमः ||
विपत्ति में रक्षा हेतु-
|| राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ||
मुक्ति और प्रभु प्रेम हेतु-
|| नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ||
|| लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट ||
भगवान राम का नाम स्वयं में एक महामंत्र है। राम नाम की महिमा अपरंपार है। इस अतिरिक्त राम नाम का मंत्र सर्व रूप मे ग्रहण किया जाता है । इस के जप से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति सहज हो जाती है । अन्य नामो कि अपेक्षा राम नाम हजार नामों के समान है । राम मंत्र को तारक मंत्र भी कहा जाता है। इस मंत्र के जपने से सभी दुःखों का अंत होता है।