पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनते ही नारदा केस में उनके मंत्री के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। आज सीबीआई के अधिकारी फिरहाद हकीम के आवास पर पहुंचे और घर की तलाशी करने लगे। इसके बाद फिरहाद हकीम को सीबीआई दफ्तर पूछताछ के लिए ले आए।
अपन नेताओं पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद अब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई के दफ्तर पहुंच गई हैं। ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए सीबीआई के अधिकारियों से कहा कि मुझे भी गिरफ्तार कर लीजिए।
सीबीआई नारदा स्टिंग मामले में आरोपी फिरहाद हकीम को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। इसके अलावा बंगाल सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा के घर पर भी छापा मारा और उन्हें सीबीआई दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया। इसके अलावा पूर्व मेयर सोवन चटर्जी पर भी कार्रवाई की गई है।
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बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीश धनखड़ ने फिरहाद हकीम के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई के अधिकारियों को मंजूरी दे दी थी। इस मामले में नारदा की ओर से एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जिसमें टीएमसी के कई नेता कैमरे पर रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि इन चारों को नारदा स्टिंग मामले में पूछताछ के लिए दफ्तर लाया गया है। इस मामले के संबंध में इनसे सवाल-जवाब किया जाएगा। हालांकि सीबीआई ने गिरफ्तारी से इनकार करते हुए कहा कि इन चारों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
क्या है नारदा घोटाला?
साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले वयक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।