बिहार में NDA की सहयोगी VIP (विकासशील इंसान पार्टी) ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय कर लिया है। शुक्रवार को पार्टी के संस्थापक और नीतीश सरकार में पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी ने प्रयागराज में भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की।
आरक्षण और विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे चर्चा चली। मुकेश साहनी भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होकर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
इससे पहले मुकेश साहनी का शुक्रवार को एक अलग ही रंग नजर आया था। उन्होंने पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बर्थडे पर गंगा नदी में 71 हजार मछलियां डाली थीं। मुकेश साहनी ने कहा कि ‘दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, इसलिए प्रदेश की सत्ता में भागीदारी जरूरी है। निषाद समाज को किसी की जरूरत नहीं। VIP पार्टी अपने बलबूते पर यूपी की 165 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हमारी पार्टी दिल्ली और बंगाल की तर्ज पर निषादों को आरक्षण भी दिलाएगी।’
भागीदारी संकल्प मोर्चा में करीब आठ छोटे दल शामिल हैं। इस मोर्चे में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जन अधिकार पार्टी, अपना दल (कमेरावादी), राष्ट्र उदय पार्टी, जनता क्रांति पार्टी, भारत माता पार्टी और भारतीय वंचित समाज पार्टी शामिल हैं।
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इसके अलावा भागीदारी संकल्प मोर्चा को लेकर आगे बढ़ रहे ओमप्रकाश राजभर, एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर से भी मुलाकात कर चुके हैं। राजनीतिक हलकों में उनकी इस कोशिश को पिछड़े (O), मुस्लिम (M) और दलित (D) वोटरों को एक मंच पर लाने की कवायद माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के सभी बड़े राजनीतिक दलों (सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा) को इन छोटी और क्षेत्रीय पार्टियों की जरूरत है। भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे। योगी सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन पार्टी विरोधी बयानबाजी के चलते सरकार और गठबंधन से बाहर हो गए थे। भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी उत्तर प्रदेश में खुद को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
कहा जा सकता है कि निषाद पार्टी को अगर सही ऑफर नहीं मिला, तो वो भी भागीदारी संकल्प मोर्चा या सपा में शामिल होकर उसकी ताकत बढ़ा सकते हैं। वहीं, केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार में अपना दल की अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाकर भाजपा ने यूपी चुनाव में सहयोगी दलों को खुश करने में जुट गई है। भाजपा फिलहाल इस ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ गेम से निकलने का प्रयास करती नजर आ रही है।