कोरोना संकट काल में यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था पहले ही वेंटिलेटर पर हैं और ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल छेड़ दी है। मेरठ में संविदा स्वास्थ्य कर्मी डीएम कार्यालय और सीएमओ कार्यालय में धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों ने मांग की है कि संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख का बीमा करवाया जाए, साथ ही उनको समान वेतनमान दिया जाए।
दरअसल मेरठ में कोरोना से संविदा स्वास्थ्य कर्मी की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 50 लाख के बीमा की मांग को लेकर हड़ताल की है। मेरठ के 26 पीएचसी के करीब 200 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं और उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी तो वे मेरठ की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप कर देंगे।
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आपको बता दें कि मेरठ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ज्यादातर संविदा स्वास्थ्यकर्मी ही मरीजों से मिल रहे है और ऐसे में अगर संविदा स्वास्थ्य कर्मी ने हड़ताल पूरी तरह से छेड़ दी तो मेरठ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएंगी।
प्रशासनिक अमला किसी संकट से बचने के लिए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से वार्ता करने में लगा हुआ है। सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि हम लगातार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के संपर्क में हैं। उधर स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश चरम पर है।
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बता दें दूसरी तरफ अस्पतालों में भर्ती मरीजों को हाल बेहाल। लगातार अस्पतालों में अव्यवस्थाओं की खबरें आ रही हैं। इसी क्रम में एक लैब टेक्नीशियन ने वीडियो वायरल कर मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था का सच बयान किया था। आज उसकी भी कोरोना से मौत हो गई है।