रामपुर। (मुजाहिद खान): जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील सदर सभागार में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में विभिन्न विभागों की 47 शिकायतें मिलीं जिनमें से 07 का मौके पर ही निस्तारण कराया गया और बाक़ी सम्बंधित विभागों को भेज दी गईं।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माॅदड़ की अध्यक्षता में तहसील सदर में आयोजित समाधान दिवस में मिलीं 47 शिकायतों में से 7 का मौक़े पर ही निस्तारण कराया गया।
बता दें रामपुर जिलाधिकारी का चार्ज संभालने के बाद डीएम रविन्द्र कुमार माॅदड़ की अध्यक्षता में पहला समाधान दिवस था। जिस पर डीएम रविन्द्र कुमार माॅदड़ ने कहा कि समाधान दिवस में 47 शिकायतें मिली जिसमें राजस्व विभाग की 21,विकास विभाग की 3,विद्युत विभाग की 6,सफाई विभाग की 6 और पुलिस विभाग की एक शिकायत है।
इस तरह अलग-अलग 47 शिकायतें मिली जिसमें 7 का मौके पर निस्तारण कराया गया। जिसमें मुख्य तौर पर पिछले दो-तीन साल से दाखिल खारिज रहे जिनकी खतौनी में एंट्री नहीं हुई थी ऐसे प्रकरण संज्ञान में आए जिस पर तहसील का स्टाफ, रजिस्टार, कानूनगो जो है उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। उनका मौके पर निस्तारण किया गया और दो-तीन साल से पेंडिंग रहना गंभीर बात है।
जिस पर लेखपालों की मीटिंग रखी है उसमें समीक्षा करेंगे और आगे के लिए निर्देशित करेंगे कि अगर किसी व्यक्ति का दाखिल खारिज हो जाता है और नाम में भी शुद्धिकरण या बालिग कोई हो जाता है तो उसके उम्र में संशोधन की बात है तो यह सारे प्रकरण में या अविवादित विरासत को दर्ज करने की बात है तो इस प्रकार की समस्या के लिए समाधान दिवस का इंतजार न करें बल्कि अपने स्तर पर पहले समीक्षा कर ले और अपने क्षेत्र के ऐसे जो भी मुद्दे उसका निस्तारण करें।
कहा कि मेरा पहला समाधान दिवस है उसमें क्या अपेक्षाएं हैं जो जिला स्तरीय अधिकारियों स्टाफ से रहेंगी उनको पहले भी गाइड किया है और आगे भी गाइड करेंगे और फिर अगला जो समाधान दिवस होगा उसमें चाहेंगे कि शासन की जो अपेक्षाएं है वह पूरी हो। और जो समस्याएं राजस्व और चकरोड पर कब्जे से संबंधित रहे उसकी समीक्षा की है।
कहा उसमें व्यवस्था बनाएंगे कि साप्ताहिक मीटिंग जो विकास पुलिस और राजस्व विभाग की करेंगे उसमें एसडीएम की अध्यक्षता में तय होना चाहिए कि चकरोड पर कब्जे के जो मुद्दे हैं उसमें सभी को पैमाइश के समय पर उसमें विकास विभाग के लोग भी हो वहां पर ताकि मिट्टी पड़ जाए और लोगों के आने जाने के लिए बनाया जा सके। कहा कि अगर कोई व्यक्ति बार-बार चकरोड पर कब्जा करता है तो ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्रवाई भी करें उसके लिए भी निर्देश दिए हैं।
मीटिंग में सभी अधिकारी मौजूद रहे और जो नहीं थे उनके असिस्टेंट या जो गायब थे उनके स्पष्टीकरण तलब करेंगे। शहर में बंदरों के आतंक पर कहा कि नगर पालिका प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है उसको देख लेते हैं इसके अलावा नगरपालिका का दायित्व है कि उसके लिए टेंडर करके इसे पहले देखा जाएगा कि उनको कहां छोड़ना है इसके लिए वन विभाग से मिलकर काम करेंगे।
वही कोविड-19 वैक्सीनेशन पर कहा कि वैक्सीनेशन के लिए 46 सेंटर पूरे जिले में बनाए हैं और जिला प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है जिसमें शासन की ओर से भी कहा गया है कि 60 वर्ष से ऊपर के और 45 से 60 के बीच के गंभीर रोग से ग्रसित जो लोग हैं उनके लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है 46 सेंटरों में से 10 सेंटर पर सोमवार से शनिवार तक लगातार वैक्सीनेशन का काम चल रहा है जो बाकी के 36 सेंटर हैं वहां हफ्ते में 3 दिन सोमवार,गुरुवार और शुक्रवार को वैक्सीनेशन होगा उसके प्रचार प्रसार के लिए टीमों को निर्देशित किया है लेकिन उसमें सुधार की जरूरत है। इसमें बीएलओ को भी लगाया है उनकी भी प्रत्येक दिन की समीक्षा कर रहे हैं।
साथ ही कहा कि अपील करना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग दोनों वर्गों के वैक्सीनेशन से जुड़े और करा लें ताकि एक जो गंभीर बीमारी है से लड़ने में मदद मिल सके और उस बीमारी का उन्मूलन कर सकें। जो अधिकारी यह कर्मचारी बच रहे हैं उनको भी प्रेरित करेंगे वैक्सीन लगवाएं।
इस दौरान एसपी शगुन गौतम, सीडीओ गजल भारद्वाज,सीएमओ डा0 संजीव यादव, नगर मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।