दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कनॉट प्लेस में देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन किया। प्रदूषित हवा को शुद्ध करने के लिए पायलट आधार पर यह स्मॉग टावर लगाया गया है। यह प्रति सेकेंड एक हजार घन मीटर हवा को साफ कर प्रदूषण के लिए जिम्मेदार तत्व पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा को कम करेगा।
बताया जा रहा है कि यह स्मॉग टॉवर दूषित हवा को अपने अंदर खीचेंगा और साफ हवा को छोड़ेगा। यही नहीं, यह स्मॉग टॉवर तकरीबन एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की आपूर्ति करेगा।
यही नहीं, यह स्मॉग टॉवर दूषित हवा को खींचेगा और साफ करके 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा। दिल्ली सरकार ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार करवाया है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो आने वाले समय में पूरी दिल्ली में स्मॉग टॉवर लगाये जाएंगे, ताकि देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में सफलता मिल सके। स्मॉग टॉवर 20 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है।
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दिल्ली कैबिनेट ने स्मॉग टॉवर को अक्टूबर, 2020 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई है। यही नहीं, स्मॉग टॉवर के शुरू होने के बाद उसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए दो साल का पायलट अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद अध्ययनकर्ता दिल्ली सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। यह स्मॉग टॉवर सेकेंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा और दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 के स्तर को कम करेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में केंद्र सरकार को आनंद विहार में प्रदूषण कम करने के लिए एक स्मॉग टॉवर बनाने और दिल्ली सरकार को तीन महीने में कनाट प्लेस में इस तरह की एक और टॉवर स्थापित करने का निर्देश दिया था। यही नहीं, इसके बाद कोर्ट ने समय पर स्मॉग टॉवर न बनने पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई थी।