हिंदू धर्म में होली के बाद रंग पंचमी (Rang Panchami) मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। रंग पंचमी को कृष्ण पंचमी तथा देव पंचमी के रूप में भी जाना जाता है। होली त्योहार के पांच दिन बाद रंग पंचमी (Rang Panchami) मनाई जाती है। यह त्योहार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। पंचमी के दिन मनाए जाने के कारण इसे रंग पंचमी कहा जाता है। राधारानी के बरसाने में इस दिन उनके मंदिर में विशेष पूजा और दर्शन लाभ होते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंग पंचमी (Rang Panchami) का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन रंगों का प्रयोग करने से दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। माना जाता है कि इस दिन जो रंग एक-दूसरे को लगाते हैं वह आसमान की ओर उड़ाते हैं। ऐसा करने से देवी-देवता आकर्षित होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि रंग पंचमी के दिन दैवीय शक्तियां नकारात्मक शक्तियों से ज्यादा होती हैं।
रंग पंचमी (Rang Panchami) की डेट– इस साल रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च, 2025 को मनाया जाएगा।
मुहूर्त-
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – मार्च 18, 2025 को 10:09 पी एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – मार्च 20, 2025 को 12:36 ए एम बजे
ऐसे मनाते हैं रंग पंचमी (Rang Panchami) का त्योहार-
1. इस दिन लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर रंग पंचमी की बधाई देते हैं।
2. इस दिन राधा-कृष्ण को भी अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है।
3. इस दिन शोभा यात्रा निकाली जाती है।
रंगोत्सव का किया जाता है आयोजन
रंग पञ्चमी का पर्व भगवान कृष्ण द्वारा श्री राधा रानी जी के साथ रंग-गुलाल की होली खेलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। रंग पञ्चमी के पावन अवसर पर देश के विभिन्न मन्दिरों में रंगोत्सव एवं विशेष झाँकियों का आयोजन भी किया जाता है।