त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के स्वयंवर की कहानी तो जरूर सुनी होगी, लेकिन कलियुग में ऐसी ही घटना फिर दोहराई गई। बिहार के सारण जिले में रामायण काल की तरह स्वयंवर आयोजित किया गया। इस दौरान दूल्हे ने धनुष तोड़कर दुल्हन के गले में वरमाला डाली। इस अनोखी शादी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सारण जिले के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत सबलपुर पूर्वी क्षेत्र में एक शादी समारोह के दौरान त्रेतायुग की तरह धनुष स्वयंवर का आयोजन किया गया। त्रेतायुग में जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ कर मां सीता संग विवाह किया था, ठीक उसी तरह से धनुष स्वयंवर का आयोजन कलियुग में देर रात सबलपुर पूर्वी में किया गया।
इस आयोजन में फर्क सिर्फ इतना था कि त्रेतायुग के उस स्वयंवर मे बड़े-बड़े योद्धा थे। राजा जनक की प्रतिज्ञा थी, परन्तु यहां वर पहले से तय था। शादी समारोह में दर्शकों की भारी भीड़ थी।
मंच पर पंडित द्वारा मंत्रोच्चारण कर भगवान श्रीराम के स्वयंवर की तरह शादी की सभी रस्में कराई जा रही थीं। मंच पर मौजूद दूल्हे ने धनुष उठाने से पहले हाथ जोड़कर भगवान शिव से प्रार्थना की और फिर धनुष को उठाया।
हवा में धनुष उठाने के बाद दूल्हे ने जैसे ही धनुष को तोड़ा, वैसे ही समारोह में जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी। लोगों ने फूलों की वर्षा करनी शुरू कर दी। इस दौरान सहेलियां मंगल गीत गाते हुए दुल्हन को स्टेज तक लाईं। जिसके बाद दुल्हन ने दूल्हे को वरमाला पहनाई।
वहीं कोरोना काल में हुए इस शादी समारोह के दौरान कोविड गाइडलाइन का कोई पालन नहीं किया गया। भीड़ इस कदर थी, कि दो गज दूरी तो बहुत दूर की बात थी, लोग एक दूसरे से सटे हुए दिखाई दिए।