भारतीय संस्कृति में उगता सूरज हमेशा से आस्था का प्रतीक है। छठ पर्व में भी सूर्य की ही आराधना की जाती है। हमारी सनातन धर्म परंपरा में हमेशा से सूर्य को अर्घ देने की परंपरा चली आ रही है।
ऐसा माना जाता है कि सूर्य को सुबेरे-सुबेरे अर्घ देने वाले व्यक्ति को कई तरह के लाभ होते हैं। यह सिर्फ आध्यात्मिक ना हो करके हमारे शरीर से भी जुड़े हुए होते हैं।
माना जाता हैं कि अगर आप सूर्य देवता को नियमित रूप से अर्घ्य देते हैं तो आपकी आत्मा शुद्ध होती है, शांत रहती है। साथी लालिमा से भरे सूर्य को प्रतिदिन देखने से आंख की रोशनी भी तेज होती है। सुबह-सुबह सूर्य को देखने और उनकी आराधना करने से हमारे शरीर में उर्जा का संचार होता है। ये ऊर्जा आपको पूरा दिन चुस्त और तंदुरुस्त बनाए रखती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी सूर्य को अर्घ्य देने से शारीरिक और आर्थिक हर तरह की समस्याएं दूर होती है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि 9 ग्रहों में सूर्य सभी का स्वामी है। जिसका सूर्य मजबूत होगा उसके नौ ग्रह भी मजबूत रहेंगें।