बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में 3318 किलोमीटर रेल मार्ग के 90 प्रतिशत का विद्युतीकरण हो चुका है,जिससे डीजल पर 1500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की बचत होगी।
श्री मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेल की विभिन्न परियोजनओं के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में 3318 किलोमीटर रेलमार्ग के 90 प्रतिशत का विद्युतीकरण हो चुका है, जिससे डीजल पर 1500 करोड़ प्रतिवर्ष की बचत संभावित है। इससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
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उप मुख्यमंत्री ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्वीकृत करने तथा आर ब्लाक-दीघा की जमीन रेलवे द्वारा बिहार सरकार को देने के लिए भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रथम गणराज्य वैशाली तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रघुवंश प्रसाद सिंह की कर्मभूमि को रेल के मानचित्र पर जोड़ने तथा इस्लामपुर-नटेश्वर नई रेल लाइन के खुलने से बौद्ध एवं जैन धर्म से जुड़े कई प्राचीन स्थल रेल से जुड़ जाएंगे। इससे बिहार में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले छह वर्षों में रेलवे ने बिहार में 774.08 किलोमीटर गेज परिवर्तन, नई लाइन तथा दोहरीकरण पर 22275 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेल वर्ष 2009-14 तक प्रतिवर्ष 1133 करोड़ रुपये खर्च करता था, जो 2014-20 तक 201 प्रतिशत की वृद्वि करते हुए 3414 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बिहार में व्यय कर रहा है।
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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बख्तियारपुर-बाढ़ के बीच तीसरी लाइन बनने से बाढ़ स्थित एनटीपीसी के बिजली संयंत्र को निर्बाध कोयले की आपूर्ति होती रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे बिहार को अनवरत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गंगा पर मोकामा के पास एक और रेल पुल तथा भागलपुर में एक और पुल का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे बिहार के विकास की गति और तेज होगी।